
- ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई के इनर सर्कल में गंभीर क्षति हुई है।
- इजरायल के हमले में कई प्रमुख सैन्य और वैज्ञानिक नेता मारे गए हैं.
- खामेनेई के रणनीतिक सलाहकारों की हत्या से ईरान की सुरक्षा में खतरा बढ़ा है.
Israel Iran War: इजरायल से छिड़ी जंग के बीच ईरान के 86 वर्षीय सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई लगातार अकेले होते जा रहे हैं. जंग शुरू होने के केवल 6 दिन के अंदर ही खामेनेई ने अपने मुख्य सैन्य और सुरक्षा सलाहकारों को इजरायली हवाई हमलों में मारे जाते देखा है, उसके बड़े न्यूक्लियर साइंटिस्ट मारे गये है. इससे खामेनेई के इनर सर्कल में बड़े छेद हो गए हैं और ईरान की तरफ से रणनीतिक त्रुटियों का खतरा बढ़ गया है. चलिए बताते हैं कि इजरायल से जंग के इन 6 दिनों में खामेनेई के कौन से 'नवरत्न' मारे गए हैं और इसका कितना बड़ा असर ईरान के भविष्य पर हो सकता है.
1- हुसैन सलामी
सलामी ईरान के विशिष्ट रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स या आईआरजीसी के कमांडर-इन-चीफ थे. इजरायल ने जब शुक्रवार, 12 जून को ईरान पर पहला हमला किया था तो उसमें हुसैन सलामी की मौत हो गई. हुसैन सलामी का जन्म 1960 में हुआ था. ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने सलामी को 2019 में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स का प्रमुख नियुक्त किया.
2- मोहम्मद बाघेरी
रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के पूर्व कमांडर, मेजर जनरल बघेरी 2016 से ईरान के सशस्त्र बलों के प्रमुख थे. इसकी मौत भी 12 जून को ही इजरायल के शुरुआती हमलों में हुई थी. 1960 में जन्मे, बघेरी 1980 के ईरान-इराक युद्ध के दौरान गार्ड्स में शामिल हुए थे.
3- गुलाम अली राशीद
मेजर जनरल राशिद आईआरजीसी के 'खातम अल-अनबिया' सेंट्रल हेडक्वार्टर्स के प्रमुख थे. उन्होंने पहले ईरानी सशस्त्र बलों के उप प्रमुख के रूप में कार्य किया था और 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के दौरान ईरान के लिए लड़ाई लड़ी थी. इन्हें भी इजरायल ने 12 जून के हमले में निपटाया था.
4- फेरेदून अब्बासी
परमाणु वैज्ञानिक फेरेदून अब्बासी ने 2011 से 2013 तक ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख के रूप में कार्य किया. एक कट्टरपंथी, अब्बासी 2020 से 2024 तक संसद के सदस्य थे. उन्हें ईरान का ओपेनहाइमर कहा जाता था. उन्होंने एक बार हत्या की आशंकाओं को हंसी में उड़ा दिया था और प्रसिद्ध रूप से कहा था कि "अगर उनसे कहा गया तो वे ख़ुशी से परमाणु हथियार बनाएंगे." उनकी 2010 में निशाना लगाकर हत्या की कोशिश हुई थी और वो बच गए. लेकिन इस बार, वह बच नहीं पाए. 12 जून के हमले में वो मारे गए.
5- जनरल मोहम्मद काज़मी
15 जून को तेहरान पर इजरायली हवाई हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के खुफिया प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद काजमी और उनके डिप्टी जनरल हसन मोहक़िक मारे गए. मोहम्मद काजमी को ईरान का स्पाइमास्टर भी कहा जाता था. काज़मी को ईरान में सबसे प्रमुख सुरक्षा हस्तियों में से एक माना जाता था, जिन्होंने सालों तक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की खुफिया सेवाओं की कमान संभाली थी.
6- अली शादमानी
इजरायल की सेना ने 17 जून को बताया कि उसने ईरान के युद्धकालीन चीफ ऑफ स्टाफ अली शादमानी को मार गिराया है. शादमानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी थे. शादमानी ने इससे पहले जनरल गुलाम अली राशिद की जगह ली थी. खामेनेई ने जनरल गुलाम अली राशिद के मरने के बाद अली शादमानी को मेजर जनरल का रैंक दिया था और 'खातम अल-अनबिया' सेंट्रल हेडक्वार्टर्स का कमांडर बनाया था.
7- मोहम्मद मेहदी तेहरांची
मोहम्मद मेहदी तेहरांची ईरान के एक प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक थे. इजरायल का मानना था कि ईरान के परमाणु हथियार पाने के सपने को पूरा करने में इनकी अहम भूमिका हो सकती है. वो तेहरान में ईरान के इस्लामिक आज़ाद यूनिवर्सिटी के प्रमुख थे. इनको भी इजरायल ने 12 जून को मारा था. इस दिन के हमलों में मारे गए चार अन्य वैज्ञानिक अब्दोलहामिद मनौचेहर, अहमद रेजा जोल्फगारी, अमीरहोसैन फेगी और मोतालिबिजादेह थे.
8- ब्रिगेडियर जनरल अमीर अली हाजीजादेह
ब्रिगेडियर जनरल अमीर अली हाजीजादेह रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की वायु सेना के कमांडर थे. ये भी 12 जून की तड़के ईरान में इजरायली हवाई हमले में मारे गए थे. हाजीजादेह, ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल जखीरों की देखरेख करने वाले एक प्रमुख कमांडर थे.
9- अली शामखानी
अली शामखानी ईरान के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद प्रमुख थे और सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के सीनियर एडवाइजर थे. इन्हें भी चोट 12 जून के हमलों में ही आई थी लेकिन मौत अगले दिन हुई.
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