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This Article is From Dec 05, 2023

इजरायली सेना का मिशन उत्तरी गाजा में लगभग पूरा, अब दक्षिणी गाजा में घुस रहे टैंक-IDF

अल मवासी के इलाक़े को इज़रायल (Israel Gaza War) की सेना की तरफ़ से सेफ़ ज़ोन कहा गया है, लेकिन ये इलाक़ा महज़ 14 वर्गकिलोमीटर का है. इसमें 20 लाख लोगों का रहना नामुमकिन है. जितने लोग भी यहां आ सकते हैं उनके लिए भी कोई मूलभूत ढांचा नहीं है.

उत्तरी ग़ाज़ा में इजरायली सेना का मिशन लगभग पूरा.(फाइल फोटो)

इजरायल और गजा के बीच चल रहा युद्ध (Israel Gaza War) थमने का नाम नहीं ले रहा है. उत्तरी ग़ाज़ा में इज़रायली सेना ने अपना मिशन लगभग पूरा कर लिया है और अब सेना दक्षिण में घुसने की तैयारी कर रही है.  ये जानकारी एक इज़रायली कमांडर के हवाले से दी गई है. हालांकि पहले ये भी कहा गया था कि ज़मीन के ऊपर के हमास के ढ़ाचे को तो ख़त्म कर दिया गया है लेकिन भूमिगत ठिकानों और सुरंगों को पूरी तरह से नष्ट किया जाना बाक़ी है. वैसे भी इज़रायल की सेना उत्तरी ग़ाज़ा में तो बनी ही रहेगी. अब उसकी ज़मीनी सेना ने दक्षिणी ग़ाज़ा का भी रुख किया है. ये सैन्य रणनीति का हिस्सा है.

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गाजा के लोगों के लिए सिकुड़ती जा रही जमीन

टैंक, बुलडोज़र, सेना को ढोने वाले वाहन और बख़्तरबंद गाड़ियां आदि दक्षिणी ग़ाज़ा के शहर खान यूनुस के आसपास घेरा बना रही है.  इसके साथ ही इज़रायल डिफेंस फोर्स की तरफ़ से एक इवैकुएशन मैप और निर्देश जारी कर मध्य ग़ाज़ा के क़रीब 20 इलाक़ों से लोगों को सुदूर दक्षिण की ओर जाने को कहा है.  ग़ाज़ा वासियों के लिए जगह कैसे सिंकुड़ती जा रही है. दरअसल ग़ाज़ा पट्टी का पूरा क्षेत्रफल 360 वर्ग किलोमीटर है और आबादी 23 लाख है. उत्तरी ग़ाज़ा में ज़मीनी अभियान से पहले यहां की 11 लाख आबादी को दक्षिणी ग़ाज़ा जाने को कहा गया, इनमें से अधिकतर लोग चले भी गए.

मध्य और दक्षिणी ग़ाज़ा के 230 वर्गकिलोमीटर के इलाक़े में 20 लाख लोगों की सघनता हो गई. अब मध्य ग़ाज़ा के 20 इलाक़ों के साथ साथ दक्षिणी ग़ाज़ा के खान यूनुस और उसके आसपास के क़रीब 60 वर्गकिलोमीटर इलाक़े से लोगों को सेफ़ जगहों पर जाने का कहा जा रहा है. यानी कि 20 लाख की आबादी के लिए महज़ 170 वर्ग किलोमीटर का इलाक़ा रह गया है, इसमें भी पूरा इलाक़ा पूरी तरह सेफ़ नहीं है.

सेफ जोन में 20 लाख लोगों का रह पाना नामुमकिन

अल मवासी के इलाक़े को इज़रायल की सेना की तरफ़ से सेफ़ ज़ोन कहा गया है, लेकिन ये इलाक़ा महज़ 14 वर्गकिलोमीटर का है. इसमें 20 लाख लोगों का रहना नामुमकिन है. जितने लोग भी यहां आ सकते हैं उनके लिए भी कोई मूलभूत ढांचा नहीं है, न टेंट, न खाना पानी और न ही कुछ और. यूएन भी इसके लिए हाथ खड़े कर चुका है. पहले भी सवाल उठते रहे हैं कि क्या ग़ाज़ावासियों को मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप की तरफ़ धकेलने की रणनीति है.  इज़रायल मना कर चुका है और मिस्र भी इसके लिए तैयार नहीं, लेकिन आगे क्या होगा कहना मुश्किल है.

इज़रायल युद्धविराम की समाप्ति के बाद हमास के ख़ात्मे के लिए एक बार फिर कमर कस चुका है. इजरायली सेना दक्षिणी ग़ाज़ा पर ताबड़तोड़ हवाई हमलों के बाद अब ज़मीनी तौर पर वहां घुस रही है. इस बीच अमेरिका सीनेट के सदस्यों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से मांग की है कि वे आम नागरिकों की बड़ी तादाद में हो रही मौत के ख़िलाफ़ इज़रायल को चेतावनी दें. अमेरिका ने पहले आगाह भी किया है लेकिन इज़रायल अपनी रणनीति के हिसाब से लगातार आगे बढ़ता जा रहा है.
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