सीरिया में स्थित प्राचीन शहर पालमायरा की फाइल फोटो
दमिश्क:
सीरिया के पुरावशेष निदेशक मामून अब्दुल करीम ने शुक्रवार को कहा कि इस्लामिक स्टेट के लड़ाके देश के प्राचीन शहर पालमायरा के संग्रहालय में घुस गए हैं और उसके दरवाजों पर अपने सुरक्षाकर्मी खड़े कर दिए हैं।
उन्होंने साथ ही कहा कि जिहादी समूह ने प्राचीन किले पर अपना झंडा लगा दिया है, जहां से शहर के ग्रीको-रोमन स्थापत्यों के अवशेष दिखाई देते हैं। किला और शहर के अवशेष दोनों यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं।
अब्दुलकरीम ने दमिश्क में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संग्रहालय में रखे प्लास्टर की आधुनिक मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया है। हालांकि उन्होंने इमारत में रखे पुरावशेषों को किसी तरह की क्षति पहुंचने की जानकारी नहीं दी।
उन्होंने कहा कि वे शुक्रवार को लौटे और जब वापस गए तब अपने पीछे दरवाजे बंद कर गए और संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर अपने सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए।
आईएस के गुरुवार को पालमायरा पर नियंत्रण मजबूत करने से पहले संग्रहालय में रखे गए अधिकतर पुरावशेषों को हटाकर दमिश्क ले जाया गया।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के बाद कहा, 'संग्रहालय में लगभग कुछ नहीं बचा है, हम तेजी से पुरावशेषों को दमिश्क ले गए। लेकिन वहां अब भी कुछ बड़ी चीजें जैसे पत्थर की ताबूत है, जिसका वजन तीन या चार टन है, जिसे हम निकाल नहीं सकते थे, इन चीजों को लेकर मैं चिंतित हूं।'
उन्होंने साथ ही कहा कि जिहादी समूह ने प्राचीन किले पर अपना झंडा लगा दिया है, जहां से शहर के ग्रीको-रोमन स्थापत्यों के अवशेष दिखाई देते हैं। किला और शहर के अवशेष दोनों यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं।
अब्दुलकरीम ने दमिश्क में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संग्रहालय में रखे प्लास्टर की आधुनिक मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया है। हालांकि उन्होंने इमारत में रखे पुरावशेषों को किसी तरह की क्षति पहुंचने की जानकारी नहीं दी।
उन्होंने कहा कि वे शुक्रवार को लौटे और जब वापस गए तब अपने पीछे दरवाजे बंद कर गए और संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर अपने सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए।
आईएस के गुरुवार को पालमायरा पर नियंत्रण मजबूत करने से पहले संग्रहालय में रखे गए अधिकतर पुरावशेषों को हटाकर दमिश्क ले जाया गया।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के बाद कहा, 'संग्रहालय में लगभग कुछ नहीं बचा है, हम तेजी से पुरावशेषों को दमिश्क ले गए। लेकिन वहां अब भी कुछ बड़ी चीजें जैसे पत्थर की ताबूत है, जिसका वजन तीन या चार टन है, जिसे हम निकाल नहीं सकते थे, इन चीजों को लेकर मैं चिंतित हूं।'
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