वाशिंगटन/नई दिल्ली:
अमेरिका के मिलवॉकी उपनगर स्थित एक गुरुद्वारे में रविवार को हुई गोलीबारी में छह लोगों की मौत की घटना से भारतीय शोकसंतप्त हैं। अमेरिकी जांच एजेंसी, संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है।
इस बीच, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस घटना पर गहरा शोक प्रकट किया। पुलिस कार्रवाई में मारे गए हमलावर के शरीर पर '9/11' लिखा टैटू पाया गया है।
गोलीबारी की घटना के चंद घंटे बाद भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा कि स्थिति पर बराबर नजर रखी जा रही है। घटना की खबर प्रसारित होने के साथ ही सिख संगठनों और अन्य संगठनों तथा अमेरिकी राजनीतिज्ञों की ओर से इसकी निंदा और पीड़ितों से सहानुभूति से संबंधित बयानों की झड़ी लग गई।
एफबीआई इस घटना की जांच घरेलू आतंकवाद मानकर कर रही है। इस घटना में एक हमलावार ने छह श्रद्धालुओं की गोली मारकर हत्या कर दी और बाद में जवाबी कार्रवाई में हमलावर भी मारा गया।
एक स्थानीय चैनल के मुताबिक गोलीबारी का शिकार होने वालों में गुरुद्वारा के प्रमुख सतवंत सिंह कलेका शामिल हैं। इसके अलावा अन्य किसी नाम का खुलासा नहीं किया गया है।
मिलवॉकी के जर्नल सेंटिनेल में जारी रपट के अनुसार, एफबीआई अधिकारियों ने रविवार रात इस बात की पुष्टि की थी कि वे घटना के संबंध में विस्कॉन्सिन के कुदाही स्थित एक घर की भी जांच कर रहे हैं।
अमेरिकी अटॉर्नी जेम्स सैंटेल के हवाले से कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि यह घरेलू आतंकवाद है या नहीं। उन्होंने कहा, "मेरा ध्यान इस बात पर नहीं है कि यह किस श्रेणी का अपराध है, बल्कि ध्यान इस घटना पर और लोगों की मौत पर है।"
शहर के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्ड्स ने कहा कि रविवार सुबह लगभग 10.30 बजे ओक क्रीक स्थित गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना को घरेलू आतंकवाद जैसी एक घटना मानी जा रही है। इस घटना में सर्वप्रथम प्रतिक्रिया देने वाला अधिकारी भी घायल हो गया।
एडवर्ड्स ने कहा कि ओक क्रीक के जो पुलिस अधिकारी 911 की कॉल के जवाब में गए थे, वे एक पीड़ित की मदद कर रहे थे तभी हमलावर ने उनमें से एक अधिकारी पर हमला बोल दिया और उस पर कई गोलियां बरसाईं। जवाब में एक दूसरे पुलिस अधिकारी ने गोलीबारी कर हमलावर को मार डाला।
जर्नल सेंटिनेल ने जांच से संबंधित एक सूत्र के हवाले से कहा है कि हमलावर श्वेत पुरुष था, जिसकी उम्र 40 वर्ष के आसपास रही होगी। वह सेना से सेवामुक्त हो गया था। सूत्र ने कहा कि घटनास्थल से एक आग्नेयास्त्र और कई मैगजीन बरामद हुए हैं।
अपराह्न 4.30 बजे अधिकारियों से जानकारी मिलने के बाद ओबामा ने गवर्नर स्कॉट वाकर, ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्केफिदी और गुरुद्वारे के न्यासी चरणजीत सिंह को फोन किया और मृतकों के प्रति शोक संवेदना तथा घायलों के प्रति चिंता जाहिर की।
सिखों को व्यापक अमेरिकी परिवार का एक हिस्सा बताते हुए ओबामा ने व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में वादा किया कि रविवार की घटना की जांच में उनका प्रशासन पूरी मदद करेगा।
ओबामा ने कहा है, "एक धार्मिक स्थल पर घटी इस घटना पर शोक मनाते हुए हमें याद है कि सिखों ने हमारे देश को कितना समृद्ध बनाया है, जो हमारे व्यापक अमेरिकी परिवार के हिस्सा हैं।"
ओबामा ने कहा, "मेरा प्रशासन घटना की जांच से जुड़े अधिकारियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराएगा।"
ओबामा ने कहा, "विस्कॉन्सिन में गोलीबारी की त्रासदपूर्ण घटना के बारे में सुनकर मिशेल और मुझे गहरा दुख हुआ।"
ओबामा के रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी ने बोस्टन में इसे 'हिंसा की निर्मम कार्रवाई' और एक त्रासदी करार दिया, जिसे किसी भी धार्मिक स्थल पर कभी नहीं घटना चाहिए।
रोमनी ने कहा कि वह और उनकी पत्नी ऐन हृदय से पीड़ितों, उनके परिवारों और पूरे ओक क्रीक के सिख समुदाय के साथ हैं।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने घटना पर गहरा शोक प्रकट करते हुए आशा व्यक्त की है कि अमेरिकी प्रशासन हमले की जांच करेगा और यह सुनिश्चित कराएगा कि इस तरह की घटना भविष्य में न घटे।
संसद भवन में संवाददाताओं से बातचीत में मनमोहन ने कहा, "धार्मिक सभा में जमा हुए लोगों की निर्मम हत्या बहुत ही दुखद घटना है। "
मनमोहन ने कहा, "मुझे आशा है कि अमेरिकी प्रशासन श्रद्धालुओं पर हुए इस क्रूर हमले के पीछे के कारणों की जांच करेगा और यह सुनिश्चित कराएगा कि इस तरह की खौफनाक घटना भविष्य में न हो। मैं आशा करता हूं कि सक्षम अधिकारी घटना की जांच करेंगे और प्रभावित परिवारों को राहत मुहैया कराएंगे। घटना में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिजनों के प्रति मैं अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।"
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने अमेरिका में एक गुरुद्वारे में रविवार को हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में सिख समुदाय ने अपने काम के प्रति खुद के दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता के जरिए वहां के प्रशासन व लोगों का सम्मान हासिल किया है।
कृष्णा ने कहा, "मैं इस घटना की निंदा करता हूं।" कृष्णा ने कहा कि घटना के बाद उन्होंने भारतीय राजदूत निरूपमा राव से बात की है।
विदेश राज्य मंत्री प्रणीत कौर ने कहा कि अमेरिका में स्थित गुरुद्वारों और समुदाय के अन्य धार्मिक स्थलों का ख्याल रखा जाना चाहिए।
कौर ने कहा, "यह एक बहुत ही स्तब्धकारी और त्रासदीपूर्ण घटना घटी है, जो निंदनीय है। हम अमेरिका सरकार से बराबर सम्पर्क में हैं और हमारी राजदूत निरूपमा राव ने वाशिंगटन से एक विशेष अधिकारी को विस्कॉन्सिन भेजा है तथा शिकागो में महावाणिज्यदूत भी मामले पर नजर रखे हुए हैं।"
अमेरिकी दूतावास ने विस्कॉन्सिन के गुरुद्वारे में हुए हमले में छह सिख श्रद्धालुओं के मारे जाने की घटना पर सोमवार को गहरा दुख व्यक्त किया।
दूतावास से जारी बयान में कहा गया है, "अमेरिकी दूतावास के सदस्य अमेरिका और भारत के सिख समुदाय के प्रति सहानुभूति एवं शोक संवेदना जाहिर करने में राष्ट्रपति (बराक) ओबामा के साथ हैं।"
बयान में कहा गया है, "हमारा हृदय, हमारी आत्मा और प्रार्थना पीड़ितों व उनके परिजनों के साथ है। घटना की जांच शुरू हो गई है। इस तरह की कोई भी घटना त्रासदपूर्ण है, खासतौर से जब वह किसी धर्मस्थल पर घटे। अमेरिका सभी धर्म के लोगों के सम्मान और हिफाजत की जिम्मेदारी बहुत गम्भीरता से लेता है।"
बयान में कहा गया है, "धार्मिक आजादी और धार्मिक सहिष्णुता अमेरिकी समाज के बुनियादी स्तम्भ हैं। अमेरिका में सिख समुदाय इस सिद्धांत में योगदान करता है और अमेरिका के सामाजिक ताने-बाने को अर्थपूर्ण मजबूती प्रदान करता है।"
इस बीच, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस घटना पर गहरा शोक प्रकट किया। पुलिस कार्रवाई में मारे गए हमलावर के शरीर पर '9/11' लिखा टैटू पाया गया है।
गोलीबारी की घटना के चंद घंटे बाद भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा कि स्थिति पर बराबर नजर रखी जा रही है। घटना की खबर प्रसारित होने के साथ ही सिख संगठनों और अन्य संगठनों तथा अमेरिकी राजनीतिज्ञों की ओर से इसकी निंदा और पीड़ितों से सहानुभूति से संबंधित बयानों की झड़ी लग गई।
एफबीआई इस घटना की जांच घरेलू आतंकवाद मानकर कर रही है। इस घटना में एक हमलावार ने छह श्रद्धालुओं की गोली मारकर हत्या कर दी और बाद में जवाबी कार्रवाई में हमलावर भी मारा गया।
एक स्थानीय चैनल के मुताबिक गोलीबारी का शिकार होने वालों में गुरुद्वारा के प्रमुख सतवंत सिंह कलेका शामिल हैं। इसके अलावा अन्य किसी नाम का खुलासा नहीं किया गया है।
मिलवॉकी के जर्नल सेंटिनेल में जारी रपट के अनुसार, एफबीआई अधिकारियों ने रविवार रात इस बात की पुष्टि की थी कि वे घटना के संबंध में विस्कॉन्सिन के कुदाही स्थित एक घर की भी जांच कर रहे हैं।
अमेरिकी अटॉर्नी जेम्स सैंटेल के हवाले से कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि यह घरेलू आतंकवाद है या नहीं। उन्होंने कहा, "मेरा ध्यान इस बात पर नहीं है कि यह किस श्रेणी का अपराध है, बल्कि ध्यान इस घटना पर और लोगों की मौत पर है।"
शहर के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्ड्स ने कहा कि रविवार सुबह लगभग 10.30 बजे ओक क्रीक स्थित गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना को घरेलू आतंकवाद जैसी एक घटना मानी जा रही है। इस घटना में सर्वप्रथम प्रतिक्रिया देने वाला अधिकारी भी घायल हो गया।
एडवर्ड्स ने कहा कि ओक क्रीक के जो पुलिस अधिकारी 911 की कॉल के जवाब में गए थे, वे एक पीड़ित की मदद कर रहे थे तभी हमलावर ने उनमें से एक अधिकारी पर हमला बोल दिया और उस पर कई गोलियां बरसाईं। जवाब में एक दूसरे पुलिस अधिकारी ने गोलीबारी कर हमलावर को मार डाला।
जर्नल सेंटिनेल ने जांच से संबंधित एक सूत्र के हवाले से कहा है कि हमलावर श्वेत पुरुष था, जिसकी उम्र 40 वर्ष के आसपास रही होगी। वह सेना से सेवामुक्त हो गया था। सूत्र ने कहा कि घटनास्थल से एक आग्नेयास्त्र और कई मैगजीन बरामद हुए हैं।
अपराह्न 4.30 बजे अधिकारियों से जानकारी मिलने के बाद ओबामा ने गवर्नर स्कॉट वाकर, ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्केफिदी और गुरुद्वारे के न्यासी चरणजीत सिंह को फोन किया और मृतकों के प्रति शोक संवेदना तथा घायलों के प्रति चिंता जाहिर की।
सिखों को व्यापक अमेरिकी परिवार का एक हिस्सा बताते हुए ओबामा ने व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में वादा किया कि रविवार की घटना की जांच में उनका प्रशासन पूरी मदद करेगा।
ओबामा ने कहा है, "एक धार्मिक स्थल पर घटी इस घटना पर शोक मनाते हुए हमें याद है कि सिखों ने हमारे देश को कितना समृद्ध बनाया है, जो हमारे व्यापक अमेरिकी परिवार के हिस्सा हैं।"
ओबामा ने कहा, "मेरा प्रशासन घटना की जांच से जुड़े अधिकारियों को सभी आवश्यक मदद मुहैया कराएगा।"
ओबामा ने कहा, "विस्कॉन्सिन में गोलीबारी की त्रासदपूर्ण घटना के बारे में सुनकर मिशेल और मुझे गहरा दुख हुआ।"
ओबामा के रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी ने बोस्टन में इसे 'हिंसा की निर्मम कार्रवाई' और एक त्रासदी करार दिया, जिसे किसी भी धार्मिक स्थल पर कभी नहीं घटना चाहिए।
रोमनी ने कहा कि वह और उनकी पत्नी ऐन हृदय से पीड़ितों, उनके परिवारों और पूरे ओक क्रीक के सिख समुदाय के साथ हैं।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने घटना पर गहरा शोक प्रकट करते हुए आशा व्यक्त की है कि अमेरिकी प्रशासन हमले की जांच करेगा और यह सुनिश्चित कराएगा कि इस तरह की घटना भविष्य में न घटे।
संसद भवन में संवाददाताओं से बातचीत में मनमोहन ने कहा, "धार्मिक सभा में जमा हुए लोगों की निर्मम हत्या बहुत ही दुखद घटना है। "
मनमोहन ने कहा, "मुझे आशा है कि अमेरिकी प्रशासन श्रद्धालुओं पर हुए इस क्रूर हमले के पीछे के कारणों की जांच करेगा और यह सुनिश्चित कराएगा कि इस तरह की खौफनाक घटना भविष्य में न हो। मैं आशा करता हूं कि सक्षम अधिकारी घटना की जांच करेंगे और प्रभावित परिवारों को राहत मुहैया कराएंगे। घटना में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिजनों के प्रति मैं अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।"
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने अमेरिका में एक गुरुद्वारे में रविवार को हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में सिख समुदाय ने अपने काम के प्रति खुद के दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता के जरिए वहां के प्रशासन व लोगों का सम्मान हासिल किया है।
कृष्णा ने कहा, "मैं इस घटना की निंदा करता हूं।" कृष्णा ने कहा कि घटना के बाद उन्होंने भारतीय राजदूत निरूपमा राव से बात की है।
विदेश राज्य मंत्री प्रणीत कौर ने कहा कि अमेरिका में स्थित गुरुद्वारों और समुदाय के अन्य धार्मिक स्थलों का ख्याल रखा जाना चाहिए।
कौर ने कहा, "यह एक बहुत ही स्तब्धकारी और त्रासदीपूर्ण घटना घटी है, जो निंदनीय है। हम अमेरिका सरकार से बराबर सम्पर्क में हैं और हमारी राजदूत निरूपमा राव ने वाशिंगटन से एक विशेष अधिकारी को विस्कॉन्सिन भेजा है तथा शिकागो में महावाणिज्यदूत भी मामले पर नजर रखे हुए हैं।"
अमेरिकी दूतावास ने विस्कॉन्सिन के गुरुद्वारे में हुए हमले में छह सिख श्रद्धालुओं के मारे जाने की घटना पर सोमवार को गहरा दुख व्यक्त किया।
दूतावास से जारी बयान में कहा गया है, "अमेरिकी दूतावास के सदस्य अमेरिका और भारत के सिख समुदाय के प्रति सहानुभूति एवं शोक संवेदना जाहिर करने में राष्ट्रपति (बराक) ओबामा के साथ हैं।"
बयान में कहा गया है, "हमारा हृदय, हमारी आत्मा और प्रार्थना पीड़ितों व उनके परिजनों के साथ है। घटना की जांच शुरू हो गई है। इस तरह की कोई भी घटना त्रासदपूर्ण है, खासतौर से जब वह किसी धर्मस्थल पर घटे। अमेरिका सभी धर्म के लोगों के सम्मान और हिफाजत की जिम्मेदारी बहुत गम्भीरता से लेता है।"
बयान में कहा गया है, "धार्मिक आजादी और धार्मिक सहिष्णुता अमेरिकी समाज के बुनियादी स्तम्भ हैं। अमेरिका में सिख समुदाय इस सिद्धांत में योगदान करता है और अमेरिका के सामाजिक ताने-बाने को अर्थपूर्ण मजबूती प्रदान करता है।"
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं