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एक सामुदायिक सेवा का संचालन करने वाली 85 वर्षीय कृष्णा अरोरा को भारतीय समुदाय को दिए गए योगदान के लिए इस साल का प्रतिष्ठित ओएएम देने के लिए चुना गया है।
दिल्ली के एक कैटरिंग कॉलेज की पूर्व प्राचार्य अरोड़ा ने कहा, जब मैं यहां आई थी तो एक ही बात ने मेरा ध्यान आकर्षित किया था, वह था प्रवासियों का अकेलापन। किसी ने मुझसे कहा कि ऑस्ट्रेलियाई लोग सामुदायिक कार्य कर अपना समय गुजारते हैं। मैंने सोचा, यह तो बहुत अच्छा विचार है और फिर मेरे कदम इस राह पर बढ़ते गए। अरोड़ा को लोग यहां प्यार और अपनेपन से ‘आंटीजी’ कहते हैं। वह यहां एक हॉटलाइन टेलीसर्विस चलाती हैं, जो कुकिंग यानी पाक कला के बारे में रोचक जानकारी और सुझाव देती हैं।
अरोड़ा ने कहा, यहां आए किसी भी नए व्यक्ति के लिए उन सही लोगों से संपर्क होना बहुत जरूरी है, जो उसे ऑस्ट्रेलिया की परंपरा और चलन के बारे में बता सकें ताकि जीवन भी सही तरीके से आगे बढ़ सके। वह विक्टोरिया में एक सामुदायिक केंद्र में दो साल से ऑस्ट्रेलियाई लोगों को एशियाई पाक कला भी सिखा रही हैं।
अरोड़ा ने कहा, मैं बेहद संतुष्टि महसूस करती हूं तथा समुदाय के लिए और अधिक काम करने को प्रेरित होती हूं। पूर्व में यह सम्मान पाने वाली भारतीय मूल की अन्य महिलाओं में जायसी वेस्ट्रिप (2000), माला मेहता (2006) और वेत्तात राजकुमार (2009) शामिल हैं। पिछले साल नवंबर में भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को इस प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित किया गया था।
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