भारत ने जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सरहद के दूसरी ओर से लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं को लेकर पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया और पड़ोसी देश को नये सिरे से गोलीबारी होने पर मुंहतोड़ जवाब की चेतावनी दी।
सेक्टर कमांडर (डीआईजी ब्रिगेडियर) स्तर की फ्लैग वार्ता में भारत ने अनजाने में सीमा पार कर गये एक ग्रामीण की तत्काल वापसी की भी मांग की। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी ने आज रात यहां एक बयान में यह जानकारी दी।
बैठक में बीएसएफ ने 16 जुलाई, 2014 को सीमापार से गोलीबारी में कांस्टेबल संजय धर की मौत और तीन अन्य जवानों तथा चार नागरिकों के घायल होने का मुद्दा उठाया।
भारत ने 16 से 20 जुलाई तक और 10 से 24 अगस्त तक पीपी हुसैन से पीपी जमशेद तक फैली पाकिस्तान की 50 से अधिक चौकियों से खासतौर पर बीएसएफ के जवानों, सीमा पर चौकियों और भारतीय सीमा पर रहने वाले लोगों और उनकी संपत्तियों को निशाना साधकर भारी मशीनगनों से गोलीबारी और भारी मोर्टार दागने के मुद्दे को भी उठाया जो बिना उकसावे के की गयीं।
बीएसएफ ने बेगुनाह भारतीय नागरिक सोहन लाल की वापसी की मांग की जो अनजाने में और मानसिक परेशानी में 11 मई को पाकिस्तानी क्षेत्र की तरफ चला गया था।
आज की बैठक में बीएसएफ के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई जम्मू के डीआईजी बी एस कसाना ने की। पाकिस्तान रेंजर्स के दल का नेतृत्व ब्रिगेडियर मतीन कर रहे थे। संघर्ष विराम उल्लंघन पर चर्चा करने के लिए यह तीसरी फ्लैग वार्ता थी।
बीएसएफ ने कल पाकिस्तान रेंजर्स के साथ कमांडेंट स्तर की फ्लैग मीटिंग की थी। यह बैठक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में हुई थी। इसमें दोनों पक्षों ने संघर्ष विराम का सम्मान करने पर जोर दिया था।
भारत और पाकिस्तान ने 27 अगस्त को अखनूर सेक्टर के परगवाल उप सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निकोवाल चौकी में कमांडेंट स्तर की बैठक कर फ्लैग वार्ता की प्रक्रिया शुरू की थी।
अगस्त महीने में पाकिस्तान ने संघर्षविराम का 24 बार उल्लंघन किया है। इन घटनाओं में दो ग्रामीण मारे गए हैं और बीएसएफ के 4 जवानों समेत 17 अन्य लोग जख्मी हो गए।
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