भारत (India) ने चीन (China) , ताइवान (Taiwan) और वियतनाम (Vietnam) से एक ख़ास तरह की टाइल (Tile) के आयात के खिलाफ डंपिंग रोधी जांच शुरू की है. इन टाइलों का इस्तेमाल अधिकतर मकानों और दुकानों के फर्श बनाने के लिए किया जाता है. वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज़ ( DGTR) ने घरेलू कंपनियों की शिकायत के बाद ‘विनाइल टाइलों'( Vinyl Tiles) की कथित डंपिंग (Dumping) को लेकर यह जांच शुरू की है. सस्ते आयात में बढ़ोतरी के कारण अगर घरेलू उद्योग को अगर नुकसान पहुंच रहा होता है तो कई बार देश एंटी-डंपिंग जांच शुरू करते हैं. कैंब्रिज डिक्शनरी की परिभाषा के अनुसार डंपिंग कानून आयातित सामान को उनके प्रोडक्शन की लागत से कम कीमत पर बेचने के लिए काम करते हैं.
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DGTR की एक अधिसूचना के अनुसार वेलस्पन इंडिया लिमिटेड, वेलस्पन फ्लोरिंग लिमिटेड और वेलस्पन ग्लोबल ब्रांड्स लिमिटेड ने चीन, ताइवान और वियतनाम से आयात की जाने वाली एक निश्चित टाइल पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने के लिए निदेशालय के समक्ष एक याचिका दायर की थी.
आवेदकों ने आरोप लगाया है कि इन देशों से आयात किये जाने वाले उत्पाद की डंपिंग घरेलू उद्योग को प्रभावित कर रही है.
महानिदेशालय ने कहा, 'घरेलू उद्योग द्वारा प्रमाणित लिखित आवेदन और डंपिंग के बारे में उद्योग की तरफ से पेश की गई प्रस्तुत पहले सबूतों के आधार पर संतुष्ट होने के बाद टाइलों के आयात के खिलाफ डंपिंग रोधी जांच शुरू की गई है.'
अगर यह साबित हो जाता है कि डंपिंग से घरेलू कंपनियों को वास्तविक नुकसान हुआ है, तो DGTR इसके आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा. हालांकि अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय करेगा.
गौरतलब है कि भारत चीन समेत कई देशों से सस्ते आयात से निपटने के लिए पहले ही कई उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगा चुका है.
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