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This Article is From Mar 31, 2011

फुकुशिमा के नजदीक और इलाके खाली कराने की सलाह

टोक्यो: अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने विनाशकारी भूकम्प और प्रलयंकारी सुनामी की मार झेल रहे जापान को सलाह दी है कि वह क्षतिग्रस्त फुकुशिमा परमाणु संयंत्र  के रिएक्टरों के आसपास के और भी इलाकों को खाली कराए। एक वेबसाइट के अनुसार अब तक संयंत्र के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वालों को वहां से हटाया गया है लेकिन आईएईए का कहना है कि सुरक्षित रेडियोधर्मी सीमाओं का दायरा बढ़ाकर 40 किलोमीटर कर दिया जाना चाहिए। इस बीच संयंत्र के पास समुद्र के जल में रेडियोधर्मी आयोडीन की मात्रा स्वीकृत सीमा से बढ़कर 4385 गुणा ज्यादा हो गई है। 11 मार्च के बाद से यह अब तक की सर्वाधिक रीडिंग है। देश की परमाणु एवं औद्योगिक सुरक्षा एजेंसी के अनुसार क्षतिग्रस्त संयंत्र से सम्भवत: लगातार विकिरण का रिसाव हो रहा है। इस बीच जापान सरकार के शीर्ष प्रवक्ता युकियो अदानो ने गुरुवार को कहा कि आईएईए ने सरकार को उसकी रिपोर्ट के आधार पर सावधानी से स्थिति की समीक्षा करने को कहा है। अदानो ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ऐसा कुछ है जिस पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है लेकिन मिट्टी में रेडियोधर्मिता का स्तर इतना ज्यादा है जो इस ओर संकेत कर रहा है इसका लम्बे समय तक एकत्र रहना इंसानों की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। उन्होंने कहा, "इसलिए हम लोग रेडियोधर्मिता के स्तर की सावधानीपूर्वक निगरानी जारी रखेंगे और जरूरी होने पर कदम उठाएंगे।" इस बीच अमेरिका और ब्रिटेन ने जापान में रह रहे अपने नागरिकों से संयंत्र से कम से कम 80 किलोमीटर दूर रहने की सलाह दी है। उधर, फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के संकट को दूर करने की कोशिशों में जापानी और अमेरिकी सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। जापानी समाचार एजेंसी एनएचके के अनुसार जापान सरकार ने कैबिनेट के उपमुख्य सचिव तेत्सुरो फुकुयामा और प्रधानमंत्री के सलाहकार गोशी होसोनो की अगुवाई में चार कार्यसमूहों का गठन किया है। इन समूहों में जापान की परमाणु एवं औद्योगिक सुरक्षा एजेंसी  और उससे सम्बद्ध मंत्रालय, जापान में मौजूद अमेरिकी सुरक्षा बल और अमेरिका परमाणु नियामक आयोग के सदस्य शामिल हैं। ये कार्यसमूह रेडियोधर्मी विकिरण के संयंत्र से बाहर रिसाव पर काबू पाने और क्षतिग्रस्त ईंधन रॉड्स से निपटने के उपायों पर चर्चा कर रहे हैं। वे रेडियोधर्मी  स्तर मापने के लिए रिमोट-कंट्रोल से संचालित मानवरहित अमेरिकी रोबोट की मदद लेने पर भी विचार कर रहे हैं। समूहों ने संयंत्र तक ताजा जल पहुंचाने की व्यवस्था भी की है। इस बीच, जापान में परिवहन और वितरण प्रणालियों को नुकसान पहुंचने की वजह से गैस और अन्य किस्म के ईंधन की किल्लत लगातार बनी हुई है। जापानी समाचार एजेंसी एनएचके अनुसार थोकविक्रेता शोवा शैल सेकियू ने जानकारी दी है कि वह उसे मिल रहे ऑडर में से वह सिर्फ 60 फीसदी की ही आपूर्ति कर पा रहा है। मांग को पूरा करने के लिए उसे अतिरिक्त टैंकरों को आपूर्ति के काम में लगाना होगा। इस बीच थोक विक्रेता से संबद्ध 382 गैस स्टेशनों में से 75 फीसदी में कारोबार शुरू हो गया है। लेकिन कम्पनी का कहना है कि मियागी के कुछ शहरों में अब तक काम रुका हुआ है। थोकविक्रेता जेएक्स निप्पॉन ऑयल एंड एनर्जी का कहना है कि उसके 1200 में से 80 फीसदी गैस स्टेशन काम कर रहे हैं जबकि इदेमित्सु कोसान के 460 स्टेशनों में से 60 फीसदी में काम शुरू हो पाया है। थोकविक्रेताओं का कहना है कि जहाज के जरिए ईंधन लाने में समय लग रहा है। इसकी वजह से यह किल्लत अभी जारी रहने की सम्भावना है। इससे पहले बुधवार को टोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर कम्पनी- टेप्को ने चार रिएक्टरों को बंद करने की घोषणा की थी। इस बीच भूकम्प और सुनामी में मरने वालों की संख्या कम से कम 11,417 हो गई है जबकि 16273 लोग लापता हैं।

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फुकुशिमा, रिएक्टर, जापान, आईएईए
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