प्रतीकात्मक फोटो.
एडिनबर्ग:
स्कॉटलैंड में सैकड़ों बच्चों की सामूहिक कब्रें मिली हैं. कुछ लोगों का दावा है कि बच्चों की मौत शारीरिक प्रताड़ना से हुई थी. 'बीबीसी' की खोजी रिपोर्ट में कहा गया, यह सभी बच्चे स्माइलम पार्क अनाथ आश्रम के थे, जिसे सैंट विंसेट डी पौल की डॉटर्स ऑफ चैरिटी संस्था चलाती थी.
सैंट मैरी कब्रिस्तान में करीब 400 बच्चों के शवों को दफनाया गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, यह अनाथ आश्रम 1864 में खुला था और यह अनाथ व त्यागे गए बच्चों को आश्रय देता था. यह 1981 में बंद हो गया और यहां करीब 11,600 बच्चों की देखभाल की जाती थी.
यह भी पढ़ें : PHOTOS : यह है कब्रों से बना एक अद्भुत पहाड़, जहां एक साथ दफन की गई थीं कई लाशें
इन बच्चों की कब्रें जिन स्थान पर थीं वहां के दो पूर्व निवासियों फ्रैंक डोचर्टी और जिम जेन को 2003 में इसका पता चला. फ्रैंक और जिम ने देखा कि यह कब्रिस्तान पहले से अधिक ऊंचा हो गया और वहां पर कब्रों के पास किसी तरह का चिन्ह भी नहीं है. उन्होंने बच्चों के साथ शारीरिक प्रताड़ना का दावा किया.
'बीबीसी' की रिपोर्ट के अनुसार, 2004 में फ्रैंक और जिम ने कहा कि डॉटर्स ऑफ चैरिटी संस्था ने उनसे कहा कि रिकॉर्ड बताते हैं कि यहां कब्रिस्तान की 158 कब्रों में बच्चों के शवों को दफन किया गया था. रिकॉर्ड में कहा गया कि अधिकांश बच्चों की मौत प्राकृतिक कारणों जैसे उस दौर में प्रचलित टीबी व निमोनिया से हुई थी.
VIDEO : सिस्टम से परेशान परिवार
रिकॉर्ड के अनुसार, मरने वालों में शामिल हर तीसरे बच्चे की उम्र पांच या उससे कम थी. मरने वालों में से करीब 24 बच्चे ही 15 वर्ष से अधिक उम्र के थे और अधिकांश मौतें वर्ष 1870 और 1930 के बीच हुईं. इस घटना की वर्तमान जांच स्कॉटिश चाइल्ड अब्यूस इंक्वायरी विभाग कर रहा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सैंट मैरी कब्रिस्तान में करीब 400 बच्चों के शवों को दफनाया गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, यह अनाथ आश्रम 1864 में खुला था और यह अनाथ व त्यागे गए बच्चों को आश्रय देता था. यह 1981 में बंद हो गया और यहां करीब 11,600 बच्चों की देखभाल की जाती थी.
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इन बच्चों की कब्रें जिन स्थान पर थीं वहां के दो पूर्व निवासियों फ्रैंक डोचर्टी और जिम जेन को 2003 में इसका पता चला. फ्रैंक और जिम ने देखा कि यह कब्रिस्तान पहले से अधिक ऊंचा हो गया और वहां पर कब्रों के पास किसी तरह का चिन्ह भी नहीं है. उन्होंने बच्चों के साथ शारीरिक प्रताड़ना का दावा किया.
'बीबीसी' की रिपोर्ट के अनुसार, 2004 में फ्रैंक और जिम ने कहा कि डॉटर्स ऑफ चैरिटी संस्था ने उनसे कहा कि रिकॉर्ड बताते हैं कि यहां कब्रिस्तान की 158 कब्रों में बच्चों के शवों को दफन किया गया था. रिकॉर्ड में कहा गया कि अधिकांश बच्चों की मौत प्राकृतिक कारणों जैसे उस दौर में प्रचलित टीबी व निमोनिया से हुई थी.
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रिकॉर्ड के अनुसार, मरने वालों में शामिल हर तीसरे बच्चे की उम्र पांच या उससे कम थी. मरने वालों में से करीब 24 बच्चे ही 15 वर्ष से अधिक उम्र के थे और अधिकांश मौतें वर्ष 1870 और 1930 के बीच हुईं. इस घटना की वर्तमान जांच स्कॉटिश चाइल्ड अब्यूस इंक्वायरी विभाग कर रहा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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