हिलेरी क्लिंटन (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
रिपब्लिकन-नियंत्रित अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की न्यायपालिका एवं निगरानी समिति ने मंगलवार को घोषणा की कि हिलेरी क्लिंटन द्वारा अपने विदेशमंत्री कार्यकाल के दौरान निजी ईमेल सर्वर के इस्तेमाल की 2016 में हुई एफबीआई जांच के तौर-तरीके की एक संयुक्त जांच की जाएगी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की न्यायिक समिति के अध्यक्ष बॉब गुटलेट और सदन की निगरानी और सरकारी सुधार समिति के अध्यक्ष ट्रे गौडी ने कहा, '2016 में न्याय विभाग द्वारा किए गए फैसलों ने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं, जिसका जवाब देना होगा.'
दोनों अध्यक्षों ने कहा कि क्लिंटन द्वारा गोपनीय सूचनाओं के इस्तेमाल की ब्यूरो द्वारा की गई जांच को सार्वजनिक तौर पर घोषित करने के एफबीआई के फैसले को लेकर उनके कुछ सवाल हैं. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप कैंपेन के सहयोगियों की गुपचुप तरीके से जांच की जा रही है.
यह भी पढ़ें : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह कहकर उड़ाया हिलेरी क्लिंटन का मजाक
जांच समिति यह भी जानना चाहती है कि न्याय विभाग के बजाए एफबीआई ने क्यों सिफारिश की कि जांच के बाद क्लिंटन पर आरोप नहीं लगाए जाएंगे, साथ ही इस तरह के फैसलों की घोषणा के पीछे एफबीआई के क्या तर्क हैं. आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'जांच समिति इस फैसले की और अन्य लोगों की समीक्षा करेगी, ताकि यह तर्क समझा जा सके कि कुछ निष्कर्ष कैसे तैयार किए गए थे. कांग्रेस के पास की गई कार्रवाई की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कर अपनी न्याय प्रणाली की ईमानदारी को बनाए रखने की संवैधानिक जिम्मेदारी है.'
VIDEO : ट्रंप की जीत की क्या वजह रही?
'द हिल न्यूज' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तत्कालीन एफबीआई निदेशक जेम्स कोमे ने अपने बयान का मसौदा तैयार करना शुरू कर दिया है कि एफबीआई जुलाई, 2016 के फैसलों की घोषणा से पहले के महीनों में आरोपों की अनुशंसा नहीं करने वाली थी.
(इनपुट आईएएनएस से)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दोनों अध्यक्षों ने कहा कि क्लिंटन द्वारा गोपनीय सूचनाओं के इस्तेमाल की ब्यूरो द्वारा की गई जांच को सार्वजनिक तौर पर घोषित करने के एफबीआई के फैसले को लेकर उनके कुछ सवाल हैं. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप कैंपेन के सहयोगियों की गुपचुप तरीके से जांच की जा रही है.
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जांच समिति यह भी जानना चाहती है कि न्याय विभाग के बजाए एफबीआई ने क्यों सिफारिश की कि जांच के बाद क्लिंटन पर आरोप नहीं लगाए जाएंगे, साथ ही इस तरह के फैसलों की घोषणा के पीछे एफबीआई के क्या तर्क हैं. आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'जांच समिति इस फैसले की और अन्य लोगों की समीक्षा करेगी, ताकि यह तर्क समझा जा सके कि कुछ निष्कर्ष कैसे तैयार किए गए थे. कांग्रेस के पास की गई कार्रवाई की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कर अपनी न्याय प्रणाली की ईमानदारी को बनाए रखने की संवैधानिक जिम्मेदारी है.'
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'द हिल न्यूज' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तत्कालीन एफबीआई निदेशक जेम्स कोमे ने अपने बयान का मसौदा तैयार करना शुरू कर दिया है कि एफबीआई जुलाई, 2016 के फैसलों की घोषणा से पहले के महीनों में आरोपों की अनुशंसा नहीं करने वाली थी.
(इनपुट आईएएनएस से)
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