प्रतीकात्मक तस्वीर
वेलिंगटन (न्यूजीलैंड):
एक भारतीय छात्र को गर्भवती गर्लफ्रेंड की चाकू मारकर हत्या करने के मामले में मंगलवार को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दरअसल ये वाकया तब हुआ जब गर्लफ्रेंड ने छात्र को बताया कि बेबी उसका नहीं है तो गुस्से में आकर उसने इस वारदात को अंजाम दिया.
सजा सुनाते हुए ऑकलैंड हाई कोर्ट के जज मैथ्यू पाल्मर ने कहा कि आरोपी आकाश (24) ने 22 वर्षीया गुरप्रीत कौर की हत्या कर बेहद ''क्रूरता, बर्बरता और खौफनाक'' शख्सियत का परिचय दिया.
जज के मुताबिक ये जोड़ा पिछले एक साल से गुप्त तरीके से डेटिंग कर रहा था लेकिन इस साल सात अप्रैल को जब गुरप्रीत ने बताया कि पेट में पल रहा बेबी उसका नहीं है और वह इस संबंध को समाप्त करना चाहती है तो गुस्से में आकाश ने उस पर हमला कर दिया. आकाश ने मेथामफीटामाईन ड्रग के नशे में गुरप्रीत पर चाकू से 29 बार हमला कर हत्या कर दिया और बॉडी को ऑकलैंड के दक्षिण में सड़क के किनारे झाडि़यों में डाल दिया.
पकड़े जाने पर शुरू में तो उसने खुद को निर्दोष बताया लेकिन चार महीने बाद अगस्त में अपने गुनाह को कबूला. पाल्मर के मुताबिक यह एक तथ्य है कि गुरप्रती उस वक्त 7-10 हफ्ते की गर्भवती थी और इस वजह से यह जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है क्योंकि इस वजह से मौत उसके परिजनों के लिए अधिक पीड़ादायक है.
जज ने सजा सुनाते हुए कहा, ''आपने केवल गुरप्रीत की हत्या कर परिजनों को उसके अस्तित्व से ही मरहूम नहीं किया बल्कि आपने उसे और परिजनों को एक अन्य संभावित जीवन से ही मरहूम करने का अपराध किया.'' लिहाजा इस अपराध के लिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और उसे कम से कम 17 साल जेल की सलाखों के पीछे गुजारने होंगे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सजा सुनाते हुए ऑकलैंड हाई कोर्ट के जज मैथ्यू पाल्मर ने कहा कि आरोपी आकाश (24) ने 22 वर्षीया गुरप्रीत कौर की हत्या कर बेहद ''क्रूरता, बर्बरता और खौफनाक'' शख्सियत का परिचय दिया.
जज के मुताबिक ये जोड़ा पिछले एक साल से गुप्त तरीके से डेटिंग कर रहा था लेकिन इस साल सात अप्रैल को जब गुरप्रीत ने बताया कि पेट में पल रहा बेबी उसका नहीं है और वह इस संबंध को समाप्त करना चाहती है तो गुस्से में आकाश ने उस पर हमला कर दिया. आकाश ने मेथामफीटामाईन ड्रग के नशे में गुरप्रीत पर चाकू से 29 बार हमला कर हत्या कर दिया और बॉडी को ऑकलैंड के दक्षिण में सड़क के किनारे झाडि़यों में डाल दिया.
पकड़े जाने पर शुरू में तो उसने खुद को निर्दोष बताया लेकिन चार महीने बाद अगस्त में अपने गुनाह को कबूला. पाल्मर के मुताबिक यह एक तथ्य है कि गुरप्रती उस वक्त 7-10 हफ्ते की गर्भवती थी और इस वजह से यह जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है क्योंकि इस वजह से मौत उसके परिजनों के लिए अधिक पीड़ादायक है.
जज ने सजा सुनाते हुए कहा, ''आपने केवल गुरप्रीत की हत्या कर परिजनों को उसके अस्तित्व से ही मरहूम नहीं किया बल्कि आपने उसे और परिजनों को एक अन्य संभावित जीवन से ही मरहूम करने का अपराध किया.'' लिहाजा इस अपराध के लिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और उसे कम से कम 17 साल जेल की सलाखों के पीछे गुजारने होंगे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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