28 सितंबर को इज़रायल के हवाई हमलों में हिजबुल्लाह के चीफ को ढेर कर दिया गया. पिछले साल से चल रही इस जंग में इज़रायल की ओर से भीषण हमले और एयर स्ट्राइक किये गए जिमसे हज़ारों लोगो की मौत हुई. इजरायल की सेना ने हमले के कुछ समय बाद ही हसन नसरल्ला की मौत का दावा किया था. अब हिजबुल्लाह ने भी मान लिया है कि नसरल्लाह की मौत हो गई है. लेकिन हसन नसरल्लाह की मौत के बाद हिज्बुल्लाह में तनावपूर्ण का माहौल बना हुआ है. एक ओर जहां चीफ की मौत के बाद हिजबुल्लाह इजरायल को खत्म करने के लिए आग बबूला बैठा है तो व्ही सवाल ये है कि अब कौन बनेगा हिजबुल्लाह का नया चीफ? हिजबुल्लाह की कमान कौन संभालेगा?
आपको बता दें कि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि दुनिया के सबसे बड़े मिलिशिया संगठनों में से एक हिजबुल्लाह की कमान हिजबुल्लाह की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के प्रमुख हाशेम साफीद्दीन को सौंपी जा सकती है. अब कौन है ये हाशेम साफीद्दीन जिसकी इतनी चर्चा हो रही है और दावे भी किए जा रहे हैं कि वो हिजबुल्लाह की कमान संभाल सकते है. आपको जान कर हैरानी होगी कि इतने भीषण हमले के बाद इजरायली मीडिया में ये भी कहा जा रहा है कि जिस वक्त हसन नसरल्लाह पर हमला हुआ, उस वक्त हाशेम साफीद्दीन भी उनके साथ मौजूद थे लेकिन किस्मत से वो जिंदा बच गए। अब ये जान लीजिये कि आखिर कौन है हाशेम साफीद्दीन? जो नसरल्लाह की मौत के बाद सुर्ख़ियों में हैं.
कौन है हाशेम साफीद्दीन?
- साफीद्दीन हिजबुल्लाह की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के प्रमुख हैं
- साफीद्दीन हसन नसरल्लाह के चचेरे भाई हैं
- साफीद्दीन का जन्म 1964 में दक्षिणी लेबनान में हुआ
- उसका जन्म मौलवियों के परिवार में हुआ था
- जब नसरल्लाह चीफ बने तब साफीद्दीन बेरूत आए
- उस वक्त साफीद्दीन ईरान में पढ़ाई कर रहे थे
- मिली बड़ी जिम्मेदारी, हिजबुल्लाह की कार्यकारी परिषद का नेतृत्व सौंपा गया
ईरान से साफीद्दीन का क्या है कनेक्शन?
ईरान में ही साफीद्दीन ने अपनी पढ़ाई की है. गौर करने वाली बात ये है कि हिजबुल्लाह का जिम्मा संभालने के लिए ईरान का समर्थन बेहद ही जरूरी है. उनके तेहरान से भी काफी अच्छे रिश्ते बताए जाते हैं. बता दें कि साफीद्दीन के भाई अब्दुल्ला की बतौर हिजबुल्लाह दूत तेहरान में तैनाती है.
जबसे साफीद्दीन को हिजबुल्लाह की कार्यकारी परिषद का नेतृत्व सौंपा गया तबसे वो हिजबुल्लाह के सभी काम की देखरेख कर रहे हैं. नस्राल्लाह के भाई होने के नाते साफीद्दीन का राजनीतिक और धार्मिक कद हिज़्बुल्लाह में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है शायद यही अहम वजह है कि अब हिजबुल्लाह की कमान साफीद्दीन के हाथों में ही सौंपी जा सकती है और उनका इतना ज्यादा अनुभव ही इस दावेदारी को और भी ज्यादा मजबूत करता है.
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