प्रतीकात्मक तस्वीर
लाहौर:
पाकिस्तान में करीब 100 धर्मगुरुओं ने विभिन्न टीवी चैनलों पर प्रसारित हो रहे रमजान आधारित कार्यक्रमों को शरिया के खिलाफ बताया है और सरकार से उन्हें प्रतिबंधित करने की मांग करते हुए फतवा जारी किया है।
बरेलवी धर्मगुरुओं और जमात अहले सुन्नत द्वारा हस्ताक्षरित इस फतवे में कहा गया है कि रमजान पर हो रहे प्रसारण का ज्यादातर हिस्सा शरिया के खिलाफ है, इसलिए ऐसे कार्यक्रमों को देखना हराम है।
फतवे में कहा गया है, 'अप्रमाणिक और गैर-विद्वानों को धार्मिक और इस्लामिक धर्मशास्त्र पर बोलने के लिए बुलाना हराम है। अर्ध-नग्न अभिनेत्रियों द्वारा इन कार्यक्रमों की मेजबानी कराना भी हराम है।' फतवे में सरकार से मांग की गई है कि वह पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण को रजमान प्रसारण बंद करने का निर्देश दे।
फतवे में धर्मगुरुओं ने कहा कि इन प्रक्रियाओं में शरिया का ख्याल नहीं रखा गया है तथा लोगों को ऐसे कार्यक्रमों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बरेलवी धर्मगुरुओं और जमात अहले सुन्नत द्वारा हस्ताक्षरित इस फतवे में कहा गया है कि रमजान पर हो रहे प्रसारण का ज्यादातर हिस्सा शरिया के खिलाफ है, इसलिए ऐसे कार्यक्रमों को देखना हराम है।
फतवे में कहा गया है, 'अप्रमाणिक और गैर-विद्वानों को धार्मिक और इस्लामिक धर्मशास्त्र पर बोलने के लिए बुलाना हराम है। अर्ध-नग्न अभिनेत्रियों द्वारा इन कार्यक्रमों की मेजबानी कराना भी हराम है।' फतवे में सरकार से मांग की गई है कि वह पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण को रजमान प्रसारण बंद करने का निर्देश दे।
फतवे में धर्मगुरुओं ने कहा कि इन प्रक्रियाओं में शरिया का ख्याल नहीं रखा गया है तथा लोगों को ऐसे कार्यक्रमों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
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