पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल (Umar Ata Bandial) को पत्र लिखकर उनके खिलाफ हत्या के संभावित प्रयासों के मद्देनजर अदालत में पेशी के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था का अनुरोध किया है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, इमरान खान ने पत्र में लिखा कि मैं ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. शासन परिवर्तन अभियान के माध्यम से मेरी सरकार को हटाने के बाद से मुझे संदिग्ध एफआईआर, धमकियों और अंत में हत्या के प्रयास का सामना करना पड़ा है."
इमरान खान ने देश के पूर्व पीएम होने के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराने की शिकायत की है. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान प्रधानमंत्री और आंतरिक मंत्री उनके खिलाफ असफल हत्या के प्रयास में शामिल थे. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ एक और हत्या के प्रयास के स्पष्ट संकेत हैं. खान ने कहा कि समाचार रिपोर्ट के अनुसार, अब तक उनके खिलाफ 74 मामले दर्ज किए गए हैं. वह पाकिस्तान की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष हैं.
उन्होंने जोर देकर कहा कि जीवन का अधिकार संविधान के तहत एक मौलिक अधिकार है और उनके जीवन को "गंभीर खतरा" है.
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दूसरी ओर पाकिस्तान के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की निगरानी की जिम्मेदारी संभालने वाली संस्था ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के “लाइव (सीधा प्रसारण) और रिकॉर्ड किए गए” भाषणों के टीवी चैनलों पर प्रसारण पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. इससे कुछ घंटे पहले ही खान पर तोशाखाना मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी हालांकि सात मार्च को अदालत में पेश होने का हवाला देकर वह इससे बच गए थे. उन्होंने इसके बाद “सरकारी संस्थानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण'' दिए थे.
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पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख ने लाहौर के ज़मां पार्क स्थित अपने घर के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि वह कभी किसी व्यक्ति या संस्थान के आगे नहीं झुके हैं.
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