बीजिंग:
चीन का पहला विमानवाही पोत कई साल के परीक्षण के बाद मंगलवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की नौसेना को समर्पित कर दिया गया।
पूर्वोत्तर चीन के डालियान शहर में स्थित नौसेना के बेस पर आयोजित एक समारोह में नौसेना के मुख्य संविदाकार चाइना शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ने इसे आधिकारिक रूप से नौसेना को समर्पित कर दिया। इस मौके पर चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ तथा प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ मौजूद थे।
सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के अध्यक्ष हू ने पोत का समर्पण स्वीकार करने वाली नौसेना की इकाई को पीएलए का ध्वज तथा प्रमाण-पत्र सौंपा।
इस पोत का पूर्व में नाम सोवियत शिप वॉरयाग था। बाद में इसका नाम बदलकर लायोनिंग हो गया। इसमें इंजन तथा हथियार लगाने में कई वर्ष लगे। करीब एक साल तक इसका समुद्र में परीक्षण किया गया।
इस विमानवाही पोत के नौसेना में शामिल होने के बाद सक्रिय सेवा में विमानवाही पोत रखने वाला चीन दुनिया का 10वां और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी पांच सदस्यों में अंतिम देश बन गया है।
नौसेना को चीन के शीर्ष केंद्रीय प्राधिकारों की ओर से लिखे गए बधाई संदेश को पढ़ते हुए जियाबाओ ने कहा कि सक्रिय सेवा में चीन का पहला विमानवाही पोत राष्ट्रभक्ति एवं राष्ट्रीय भावना के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण साबित होगा। जियाबाओ ने कहा, "यह राष्ट्रीय रक्षा एवं देश की व्यापक शक्ति बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।"
पूर्वोत्तर चीन के डालियान शहर में स्थित नौसेना के बेस पर आयोजित एक समारोह में नौसेना के मुख्य संविदाकार चाइना शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ने इसे आधिकारिक रूप से नौसेना को समर्पित कर दिया। इस मौके पर चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ तथा प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ मौजूद थे।
सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के अध्यक्ष हू ने पोत का समर्पण स्वीकार करने वाली नौसेना की इकाई को पीएलए का ध्वज तथा प्रमाण-पत्र सौंपा।
इस पोत का पूर्व में नाम सोवियत शिप वॉरयाग था। बाद में इसका नाम बदलकर लायोनिंग हो गया। इसमें इंजन तथा हथियार लगाने में कई वर्ष लगे। करीब एक साल तक इसका समुद्र में परीक्षण किया गया।
इस विमानवाही पोत के नौसेना में शामिल होने के बाद सक्रिय सेवा में विमानवाही पोत रखने वाला चीन दुनिया का 10वां और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी पांच सदस्यों में अंतिम देश बन गया है।
नौसेना को चीन के शीर्ष केंद्रीय प्राधिकारों की ओर से लिखे गए बधाई संदेश को पढ़ते हुए जियाबाओ ने कहा कि सक्रिय सेवा में चीन का पहला विमानवाही पोत राष्ट्रभक्ति एवं राष्ट्रीय भावना के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण साबित होगा। जियाबाओ ने कहा, "यह राष्ट्रीय रक्षा एवं देश की व्यापक शक्ति बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।"
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