रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने नौसेना के विमानवाहक पोत विराट (Warship Virat) को टूटने से बचाने के लिए पेश की गई योजना को औपचारिक तौर पर खारिज कर दिया है. गुजरात (Gujarat) में शिपब्रेकर इसे तोड़कर स्क्रैप (कबाड़) में बदलने की तैयारी कर रहे हैं. NDTV को पता चला है कि ये योजना पेश करने वाली मेसर्स एन्वीटेक मरीज कंसलटेंट्स (Envitech Marine Consultants ) प्रा. लि. अब अपनी मांग को लेकर अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकती है. विराट भारतीय नौसेना का कभी मुख्य युद्धपोत (Indian Navy aircraft carrier) था.
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एन्वीटेक मरीन कंसल्टेंट्स प्रा. लि. इस युद्धपोत को खरीदना चाहती थी और इसे गोवा की सरकार के साथ मिलकर इसे संग्रहालय में तब्दील करने की इच्छुक है. कंपनी अब अपनी मांग को लेकर अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सकती है.बांबे हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था. मंत्रालय ने कहा. "याचिकाकर्ता द्वारा विराट को संग्रहालय में बदलने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र देने की मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता."
मंत्रालय का दावा है कि अलंग स्थित शिपब्रेकर कंपनी श्री राम ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज, जिसने नौसेना की सेवा खत्म होने के बाद इसे खरीदा था, वह इस प्रस्ताव के पक्ष में नहीं है. श्री राम ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज ने हाईकोर्ट के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष स्पष्ट किया है. समूह ने कहा है कि वह तोड़कर स्क्रैप में तब्दील करने की योजना से अलग किसी और प्रस्ताव में शामिल होने को इच्छुक नहीं है.विडंबना है कि NDTV को सितंबर में दिए गए एक बयान में श्री राम ग्रुप (Shree Ram Group) के चेयरमैन और एमडी मुकेश पटेल ने कहा था कि वह सबसे बड़ी बोली लगाने वाले को युद्धपोत बेचना चाहती है.
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