सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने मंगलवार को घोषणा की कि वह अपनी खुद की आभासी मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) शुरू करने जा रही है. इसे 'लिबरा' के नाम से जाना जाएगा. इस कदम का मकसद मौजूदा उपलब्ध स्मार्ट साधनों के जरिये कम लागत वाली वैश्विक भुगतान प्रणाली तैयार करना है. 'लिबरा' को 'एक नई वैश्विक मुद्रा' करार दिया जा रहा है. इसके अगले साल तक अमल में आने की उम्मीद है. इसे गैर-लाभकारी और वित्तीय सेवाओं और ऑनलाइन वाणिज्य से जुड़ी संस्थाओं समेत 25 से ज्यादा साझेदारों का समर्थन हासिल है.
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इस नई आभासी मुद्रा को उसके मूल्य के मुताबिक वास्तविक संपत्ति का समर्थन प्राप्त होगा और यह नियमन के दायरे में होगी. मंगलवार को की गई घोषणा के मुताबिक यह फेसबुक की खुद की डिजिटल वॉलेट कालिबरा और अन्य सेवाओं के जरिये उपलब्ध होगी. क्रिप्टोकरेंसी लिबरा फेसबुक, वॉट्सऐप, मैसेंजर और इंस्टाग्रम के पेमेंट सिस्टम में अहम रोल अदा करेगा.
फेसबुक ने पहले ही कहा था कि कंपनी सरकार और वित्तीय क्षेत्र के दिग्गजों के सहयोग से नई आभासी मुद्रा लाना चाहती है. दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग कंपनी का मानना है कि इस नई आभासी मुद्रा से बिटकॉइन जैसी ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी आधारित मुद्राओं में उतार-चढ़ाव से बचा जा सकेगा. वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार फेसबुक के क्रिप्टोकरेंसी 'लिबरा' में वीजा, मास्टरकार्ड, पेपाल और उबर जैसी एक दर्जन से अधिक कंपनियों के शामिल होने की उम्मीद है. बताया जाता है कि ये कंपनियां उद्यम पूंजीपतियों और दूरसंचार कंपनियों के साथ मिलकर इस गठजोड़ में एक-एक करोड़ डॉलर का निवेश करेंगी.
(इनपुट: एएफपी)
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