- एलन मस्क ने सोलर एनर्जी से ऑपरेटेड AI द्वारा ग्लोबल वार्मिंग रोकने का नया विचार प्रस्तुत किया है.
 - उनके अनुसार सोलर-पावर्ड AI सैटेलाइट समूह पृथ्वी की सोलर एनर्जी में छोटे बदलाव करके तापमान नियंत्रित कर सकता.
 - सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने मस्क के आइडिया पर सवाल उठाए और इसे प्लैनेटरी इंजीनियरिंग करार दिया है.
 
अपने खास आइडियाज और बेबाक बयानों के लिए मशहूर एलन मस्क ने ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए भी एक नया आइडिया दिया है. खास बात है कि उनका यह ख्याल कब तक असलियत में बदलेगा, कोई नहीं जानता लेकिन इसने सोशल मीडिया पर एक बहस जरूर छेड़ दी है. मस्क का यह आइडिया बताता है कि सोलर एनर्जी से ऑपरेट होने वाली आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी AI कैसे ग्लोबल वॉर्मिंग को रोक सकती है.
तो इसमें गलत क्या है?
मस्क ने एक्स पर लिखा, 'एक बड़ा सोलर-पावर्ड AI सैटेलाइट ग्रुप, पृथ्वी तक जो सोलर एनर्जी पहुंचती है, उसमें छोटे-छोटे बदलाव करके ग्लोबल वार्मिंग को रोक पाएगा.' उनकी इस पोस्ट ने कई लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या यह एक अच्छा आइडिया है भी. एक यूजर ने लिखा, 'तो असल में हम AI को यह तय करने दे रहे हैं कि इंसानों को अब कितनी धूप मिले? क्या गलत हो सकता है?'
A large solar-powered AI satellite constellation would be able to prevent global warming by making tiny adjustments in how much solar energy reached Earth
— Elon Musk (@elonmusk) November 3, 2025
वहीं एक और यूजर ने लिखा, 'लेकिन आप जानते हैं कि यह कोई सॉल्यूशन नहीं है क्योंकि जल्द ही सूरज एक ग्रैंड सोलर मिनिमन में चला जाएगा और चल रहे जियोमैग्नेटिक एक्सकर्शन और पृथ्वी के मैग्नेटिक फील्ड के कमजोर होने से, हम पर ज्यादा तेजी से स्पेस रेडिएशन की बौछार होगी, जिससे ज्वालामुखी फटने, समुद्री धाराओं के गिरने और ग्लोबल कूलिंग में बढ़ोतरी होगी. आप जियोमैग्नेटिक एक्सकर्शन और आइस एज के बीच कनेक्शन के बारे में बात कर रहे थे, आप यह जानते हैं!'
मस्क बोले, पहले भी धरती बनी स्नोबॉल
एक और यूजर ने लिखा, 'पृथ्वी के टेम्परेचर को बैलेंस करने के लिए AI सूरज की रोशनी को एडजस्ट कर रहा है… यह अब क्लाइमेट टेक नहीं है, यह प्लैनेटरी इंजीनियरिंग है.' एक और ने मस्क की थ्योरी के प्रैक्टिकल होने पर सवाल उठाते हुए पूछा, 'AI ग्रुप पृथ्वी के हेमिस्फेयर में सोलर एनर्जी में सटीक और बराबर एडजस्टमेंट कैसे पक्का करेगा, जबकि मौसमी बदलावों और कंट्रोल को लेकर संभावित जियोपॉलिटिकल झगड़ों का भी ध्यान रखा जाएगा? मस्क ने इसका जवाब दिया और लिखा, 'हां, ग्लोबल वार्मिंग या ग्लोबल कूलिंग को रोकने के लिए बस छोटे-मोटे बदलाव करने होंगे. पृथ्वी पहले भी कई बार स्नोबॉल बन चुकी है.' 
 
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