
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर व्यापार समझौते के लिए दबाव बनाने की कोशिश की है और 50% तक टैरिफ लगाया है.
- अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत को रणनीतिक साझेदार बताते हुए पूर्ण और स्पष्ट बातचीत जारी रखने की बात कही है.
- टॉमी पिगॉट ने कहा कि भारत के साथ मतभेदों को दूर करने के लिए राजनयिक संवाद और जुड़ाव बनाए रखना आवश्यक है.
एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्यापार समझौते पर दबाव बनाने के लिए भारत पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाते हैं और दूसरी तरफ उनका प्रशासन भारत को अपने पाले में रखने के लिए मक्खन भी लगा रहा है. अमेरिकी बयान विभाग ने गुरुवार (स्थानीय समयानुसार) को कहा कि "भारत एक रणनीतिक साझेदार है" और अमेरिका भारत के साथ "पूर्ण और स्पष्ट बातचीत" में लगा हुआ है, भले ही टैरिफ विवाद के बीच दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव जारी है.
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन और अन्य ब्रिक्स देश अमेरिकी व्यापार कदमों के खिलाफ मोर्चा खोलने की कोशिश कर रहे हैं, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि भारत के साथ बातचीत "जारी रहेगी".
एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पत्रकारों को जवाब देते हुए, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता, टॉमी पिगॉट ने कहा, "भारत के संदर्भ में मैं जो कह सकता हूं, वह यह है कि राष्ट्रपति व्यापार असंतुलन के संबंध में अपनी चिंताओं के संदर्भ में बहुत स्पष्ट हैं, रूसी तेल की खरीद के मामले में उनकी चिंताएं हैं. आपने उन्हें सीधे इस पर कार्रवाई करते देखा है... भारत एक रणनीतिक भागीदार है जिसके साथ हम पूर्ण और स्पष्ट बातचीत में लगे हैं. यह जारी रहेगा."
#WATCH | On the US-India ties, Principal Deputy Spokesperson for the US Department of State, Tommy Pigott says, "...This is about an honest, full and frank dialogue about real concerns that this administration has, that the President has outlined very clearly. Addressing those… pic.twitter.com/olB8Ywa8SU
— ANI (@ANI) August 7, 2025
उन्होंने कहा, "यह इस प्रशासन (ट्रंप सरकार) की वास्तविक चिंताओं के बारे में एक ईमानदार, पूर्ण और स्पष्ट बातचीत के बारे में है, जिसे राष्ट्रपति ने बहुत स्पष्ट रूप से रेखांकित किया है. अपने कामों से उन चिंताओं को संबोधित करते हुए, उन्होंने उनके बारे में बात की है, चाहे वह रूसी तेल की खरीद के बारे में हो या व्यापार असंतुलन के बारे में हो. उन चिंताओं को संबोधित करना महत्वपूर्ण है. राष्ट्रपति बहुत स्पष्ट रहे हैं. अंततः, यह एक स्पष्ट और पूर्ण बातचीत के बारे में है. अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने का यही मतलब है, उन चिंताओं को दूर करने के लिए साझेदारों के साथ पूर्ण राजनयिक संवाद करने का यही मतलब है, जिन्हें हमें संबोधित करने की आवश्यकता है."
इससे पहले दिन में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारतीय आयात पर टैरिफ को दोगुना करने के उनके प्रशासन के फैसले के बाद, जब तक टैरिफ पर विवाद हल नहीं हो जाता, तब तक भारत के साथ कोई व्यापार वार्ता नहीं होगी.
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