वाशिंगटन:
अमेरिका ने बेनगाजी में हुए हमले में अपने राजदूत के मारे जाने के बाद दो युद्धपोत लीबिया भेजे और त्रिपोली में अपने दूतावास की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 50-सदस्यीय मरीन दल को मुस्तैद कर दिया है।
मंगलवार को बेनगाजी में वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले में अमेरिकी राजदूत क्रिस्टोफर स्टीवन्स तथा तीन अन्य अमेरिकी कर्मचारी मारे गए। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बुधवार को बताया कि दो युद्धपोतों को लीबिया के आसपास रहने के लिए भेजा गया है। यह महज सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम है।
पेंटागन के प्रवक्ता जॉर्ज लिटल ने कहा कि सुरक्षा के लिए उठाए गए यह कदम न सिर्फ तार्किक हैं, बल्कि दूरदर्शी भी हैं। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तुरंत दुनिया भर में अमेरिकी दूतावासों की सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दे दिए और बेनगाजी में हुए हमले की निंदा की।
यह हमला 2001 में न्यूयॉर्क और वाशिंगटन पर हुए हमले की बरसी के दिन किया गया। नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि सेना आंतकवाद निरोधक सुरक्षा दस्ते के एक बेड़े (फ्लीट एंटी टेरेरिज्म सिक्योरिटी टीम) को लीबिया भेज रही है।
मंगलवार को बेनगाजी में वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले में अमेरिकी राजदूत क्रिस्टोफर स्टीवन्स तथा तीन अन्य अमेरिकी कर्मचारी मारे गए। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बुधवार को बताया कि दो युद्धपोतों को लीबिया के आसपास रहने के लिए भेजा गया है। यह महज सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम है।
पेंटागन के प्रवक्ता जॉर्ज लिटल ने कहा कि सुरक्षा के लिए उठाए गए यह कदम न सिर्फ तार्किक हैं, बल्कि दूरदर्शी भी हैं। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तुरंत दुनिया भर में अमेरिकी दूतावासों की सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दे दिए और बेनगाजी में हुए हमले की निंदा की।
यह हमला 2001 में न्यूयॉर्क और वाशिंगटन पर हुए हमले की बरसी के दिन किया गया। नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि सेना आंतकवाद निरोधक सुरक्षा दस्ते के एक बेड़े (फ्लीट एंटी टेरेरिज्म सिक्योरिटी टीम) को लीबिया भेज रही है।
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