प्रतीकात्मक चित्र
लीबिया के पश्चिमी जिल्टेन शहर में एक पुलिस प्रशिक्षण केंद्र पर ट्रक बम हमले में दर्जनों लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य दर्जन लोग घायल हो गए। लीबिया की अंतरराष्ट्रीय मान्यताप्राप्त सरकार के नियंत्रण में कार्यरत एलएएनए राष्ट्रीय संवाद समिति की रिपोर्ट के अनुसार कम से कम 15 लोगों की जान चली गयी और 30 अन्य घायल हो गए।
एक अन्य प्रतिद्वंद्वी संवाद समिति ने कम से कम 50 लोगों के मरने और 127 लोगों के घायल होने की खबर दी है। यह संवाद समिति त्रिपोली में उन अधिकारियों के प्रति निष्ठावान है जिनका जिल्टेन पर नियंत्रण है।
फिलहाल किसी (किसी संगठन) ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
लंबे समय तक सत्ता में रहे तानाशाह मुअम्मर कज्जाफी के वर्ष 2011 में अपदस्थ होने के बाद से लीबिया अराजकता के गिरफ्त में है। देश में इस्लामिक स्टेट का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के दूत मार्टिन कोबलर ने ट्वीट किया, ‘मैं जिल्टेन में हुए घातक आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करता हूं और लीबियावासियों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने का आह्वान करता हूं।’ इस्लाम समर्थित मिलिशिया गठबंधन द्वारा त्रिपोली पर कब्जा कर लिये जाने के बाद से लीबिया में अगस्त 2014 से ही प्रतिद्वंद्वी गुट का प्रशासन हैं। उस समय सरकार को देश के पूर्व भाग में शरण लेनी पड़ी थी।
संयुक्त राष्ट्र दोनों पक्षों पर सत्ता साझेदारी समझौते को स्वीकार करने के लिए दबाव बना रहा है जिस पर दोनों पक्ष दिसंबर में सहमत हुए थे।
एक अन्य प्रतिद्वंद्वी संवाद समिति ने कम से कम 50 लोगों के मरने और 127 लोगों के घायल होने की खबर दी है। यह संवाद समिति त्रिपोली में उन अधिकारियों के प्रति निष्ठावान है जिनका जिल्टेन पर नियंत्रण है।
फिलहाल किसी (किसी संगठन) ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
लंबे समय तक सत्ता में रहे तानाशाह मुअम्मर कज्जाफी के वर्ष 2011 में अपदस्थ होने के बाद से लीबिया अराजकता के गिरफ्त में है। देश में इस्लामिक स्टेट का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के दूत मार्टिन कोबलर ने ट्वीट किया, ‘मैं जिल्टेन में हुए घातक आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करता हूं और लीबियावासियों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने का आह्वान करता हूं।’ इस्लाम समर्थित मिलिशिया गठबंधन द्वारा त्रिपोली पर कब्जा कर लिये जाने के बाद से लीबिया में अगस्त 2014 से ही प्रतिद्वंद्वी गुट का प्रशासन हैं। उस समय सरकार को देश के पूर्व भाग में शरण लेनी पड़ी थी।
संयुक्त राष्ट्र दोनों पक्षों पर सत्ता साझेदारी समझौते को स्वीकार करने के लिए दबाव बना रहा है जिस पर दोनों पक्ष दिसंबर में सहमत हुए थे।
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