- कोलंबिया की मिलिट्री ने अमेजॉन क्षेत्र में ड्रग्स तस्करों के खिलाफ हवाई हमला कर 19 लड़ाकों को मार गिराया
- यह हमला उर्फ इवान मोर्डिस्को के नेतृत्व वाले विद्रोही समूह पर शांति वार्ता विफलता के बाद किया गया था
- कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने विद्रोही समूहों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई और विघटन का आदेश दिया था
अमेरिका और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ खुली कलह के बीच कोलंबिया ने बड़ा कदम उठाया है. कोलंबिया की मिलिट्री ने मंगलवार, 11 नवंबर को ड्रग्स का कारोबार करने वाले गुरिल्ला समूह के खिलाफ घातक हवाई हमला कर दिया. इससे देश के अमेज़ॅन क्षेत्र में हवाई हमलों में 19 लड़ाके मारे गए. यह हमला तब हुआ जब कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो को हिंसक ड्रग्स समूहों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए देश के अंदर चुनाव से पहले आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. जबकि ट्रंप ने भी कोलंबिया के खिलाफ अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी के आरोप में प्रतिबंध लगाए हैं.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार कोलंबिया के एडमिरल फ्रांसिस्को क्यूबाइड्स ने कहा कि हमले "10 नवंबर को भोर में" हुए और इसके बाद "19 आतंकवादी मारे गए". साथ ही एक व्यक्ति को पकड़ लिया गया और सैन्य उपकरण जब्त कर लिए गए. उन्होंने कहा कि ये लड़ाके सैन्य ठिकानों पर जल्दी ही हमला करने वाले थे और उससे पहले ही उनपर हवाई हमला कर दिया गया.
वहीं राष्ट्रपति पेट्रो ने कहा कि शांति वार्ता विफल होने के बाद उन्होंने देश के सबसे वांटेड विद्रोही, उर्फ इवान मोर्डिस्को के लड़ाके के नेतृत्व वाले समूह पर "बमबारी और सैन्य विघटन" का आदेश दिया है. बता दें कि इवान मोर्डिस्को के पास सेंट्रल जनरल स्टाफ (EMC) का कंट्रोल है. यह एक गुट है जिसने कोलंबियाई सरकार के साथ 2016 के शांति समझौते को खारिज कर दिया था. विशेषज्ञों के अनुसार EMC की शक्ति में वृद्धि हुई है, वह ड्रग्स की तस्करी, जबरन वसूली और अवैध खनन के माध्यम से दूरदराज के क्षेत्रों का शोषण कर रहा है.
कोलंबिया और अमेरिका में तनातनी
अक्टूबर में ने कोलंबिया के वामपंथी राष्ट्रपति, उनकी पत्नी, बेटे और एक शीर्ष सहयोगी पर ड्रग कार्टेल को मजबूत करने का आरोप लगाते हुए अभूतपूर्व प्रतिबंध लगाए. पेट्रो, उनकी पत्नी और फर्स्ट लेडी वेरोनिका अलकोसेर, उनके बड़े बेटे निकोलस और आंतरिक मंत्री अरमांडो बेनेडेटी को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया, उनकी अमेरिका की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया और उनके पास मौजूद किसी भी अमेरिकी संपत्ति को जब्त कर लिया.
हालांकि अमेरिकी सरकार ने पेट्रो को सीधे तौर पर ड्रग्स की तस्करी से जोड़ने का कोई सबूत नहीं दिया.
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