- देहरादून में नस्लीय हिंसा के बाद एमबीए छात्र अंजेल चकमा की गंभीर चोटों के कारण अस्पताल में मृत्यु हो गई
- सीसीटीवी फुटेज में अंजेल और आरोपियों को शराब की दुकान के बाहर खड़ा देखा गया, जहां विवाद शुरू हुआ था
- घटना 9 दिसंबर को हुई थी, जिसमें स्थानीय लोगों द्वारा नस्लीय टिप्पणी के बाद अंजेल और उसके भाई से मारपीट की गई
Tripura Student Murder CCTV: देहरादून में नस्लीय हिंसा में हुई एमबीए के छात्र की मौत के मामले में सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. इस फुटेज में दो आरोपी शराब की दुकान पर खड़े दिखाई दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि वहीं पर नस्लीय टिप्पणी के बाद मारपीट हुई थी और पीड़ित अंजेल गंभीर रूप से घायल हो गया था. अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर आरोपियों की पहचान की है.
दरअसल, त्रिपुरा का 24 वर्षीय एमबीए छात्र अंजेल चकमा पढ़ाई के सपने लेकर उत्तराखंड आया था. आरोप है कि नस्लीय टिप्पणियों और मारपीट के बाद अंजेल ने 14 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझने के बाद दम तोड़ दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमले के दौरान अंजेल बार-बार कह रहा था, “मैं भारतीय हूं.” यह शब्द उसकी आखिरी कोशिश थी खुद को बचाने की.
सीसीटीवी फुटेज से खुलासा
पुलिस जांच में अब सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. इसमें दो आरोपी बाहर खड़ा दिख रहा है. बताया जा रहा है कि यहीं पर विवाद हुआ था. हालांकि, मारपीट का वीडियो इसमें नहीं है, लेकिन पुलिस ने इसी आधार पर आरोपियों की पहचान कर ली है.
घटना कैसे हुई?
यह घटना 9 दिसंबर की है. अंजेल अपने छोटे भाई माइकल चकमा के साथ देहरादून के सेलाकुई बाजार स्थित एक शराब के ठेके पर गया था. इसी दौरान वहां मौजूद कुछ स्थानीय लोगों से कहासुनी हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आरोपियों ने दोनों भाइयों पर नस्लीय टिप्पणियां कीं और उन्हें ‘चीनी' कहकर पुकारा. दोनों भाई बार-बार खुद को भारतीय बताते रहे, लेकिन विवाद बढ़ता गया और मारपीट में बदल गया.
त्रिपुरा छात्र हत्या केस; सीसीटीवी फुटेज आया सामने, शराब की दुकान पर दिखे आरोपी#Tripura | #Uttarakhand pic.twitter.com/7jQw7HzmsO
— NDTV India (@ndtvindia) December 29, 2025
एफआईआर में देरी और आरोपियों की गिरफ्तारी
घटना के बाद अंजेल के भाई माइकल चकमा ने सेलाकुई थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में तीन दिन का समय लिय. 12 दिसंबर को मुकदमा दर्ज हुआ और 14 दिसंबर को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया. पहले केस भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं में दर्ज हुआ था, लेकिन छात्र की मौत के बाद हत्या की धारा 103 भी जोड़ दी.
आयोग का संज्ञान और जमानत याचिका खारिज
नस्लीय हमले का संज्ञान राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने लिया है. आयोग ने DGP उत्तराखंड, DM और SP देहरादून को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है. गिरफ्तारी के बाद तीन आरोपियों ने जमानत याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया. पुलिस का दावा है कि फरार आरोपी को जल्द पकड़ लिया जाएगा.
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