बीजिंग:
चीन के 115.7 अरब डॉलर के नए रक्षा बजट से भारत में भले ही त्योरियां चढ़ गई हों लेकिन चीन के मीडिया ने इसे अमेरिका के 700 अरब डॉलर के रक्षा बजट की तुलना में छोटा बताते हुए कहा है कि बढ़ोतरी के अनुपात में लगातार दूसरे वर्ष कमी की गई है।
चाइना डेली ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नए बजट में 10.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी यह दिखाती है कि लगातार दूसरे वर्ष वार्षिक वृद्धि दर में कटौती की गई है।
चीन ने अपना रक्षा बजट वर्ष 2011 में 12.7 प्रतिशत और वर्ष 2012 में 11.2 प्रतिशत बढ़ाया था। सबसे अधिक 17.6 प्रतिशत (70 अरब डॉलर) की बढ़ोतरी वर्ष 2008 में की गई थी।
चाइना डेली ने कहा कि चीन का रक्षा खर्च हालांकि अमेरिका के बाद दूसरा है लेकिन यह प्रति व्यक्ति आधार और जीडीपी के अनुपात के आधार पर अमेरिका के रक्षा बजट के छठे हिस्से के बराबर है।
चाइनीज नेवी एडवाइजरी कमेटी फार इफॉर्मेशन के निदेशक इन झोउ ने कहा कि चीन के विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बावजूद उसका राष्ट्रीय रक्षा बजट इस वर्ष जीडीपी का केवल 1.7 प्रतिशत के बराबर है। वहीं अमेरिका का रक्षा बजट जीडीपी के 4.5 से 4.8 प्रतिशत है।
चाइना डेली ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नए बजट में 10.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी यह दिखाती है कि लगातार दूसरे वर्ष वार्षिक वृद्धि दर में कटौती की गई है।
चीन ने अपना रक्षा बजट वर्ष 2011 में 12.7 प्रतिशत और वर्ष 2012 में 11.2 प्रतिशत बढ़ाया था। सबसे अधिक 17.6 प्रतिशत (70 अरब डॉलर) की बढ़ोतरी वर्ष 2008 में की गई थी।
चाइना डेली ने कहा कि चीन का रक्षा खर्च हालांकि अमेरिका के बाद दूसरा है लेकिन यह प्रति व्यक्ति आधार और जीडीपी के अनुपात के आधार पर अमेरिका के रक्षा बजट के छठे हिस्से के बराबर है।
चाइनीज नेवी एडवाइजरी कमेटी फार इफॉर्मेशन के निदेशक इन झोउ ने कहा कि चीन के विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बावजूद उसका राष्ट्रीय रक्षा बजट इस वर्ष जीडीपी का केवल 1.7 प्रतिशत के बराबर है। वहीं अमेरिका का रक्षा बजट जीडीपी के 4.5 से 4.8 प्रतिशत है।
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