बीजिंग:
चीन के पहले स्वदेश निर्मित यात्री जेट ने शंघाई से अपनी पहली उड़ान भरी जो वैश्विक विमानन उद्योग में कम्युनिस्ट देश के प्रवेश का संकेत है. शंघाई के पुदोंग अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 158 यात्रियों की क्षमता वाले जेट सी-919 ने उड़ान भरी. इस जेट को एयरबस ए-320 और बोइंग-737 का प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है. इसी के साथ, चीन विशालकाय जेट के निर्माण में अमेरिका, यूरोप और रूस के बाद चौथा निर्माता बन गया.
दो इंजन वाला सी-919 जेट विमान चालक दल के पांच सदस्यों के साथ अपने पहले हवाई सफर पर रवाना हुआ. इस सफर में कोई मुसाफिर शरीक नहीं हुआ. जेट सी-919 का निर्माण सरकारी कंपनी ‘कमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ऑफ चाइना लिमिटेड’ (कॉमैक) ने किया है. इसके क्रेता अधिकतर सरकारी चीनी एयरलाइन हैं.
जेट के नाम में शामिल ‘सी’ अक्षर चीन और विमान निर्माता कॉमैक दोनों का द्योतक है. अंक ‘9’ चीनी संस्कृति के ‘सर्वदा’ का प्रतीक है जबकि ‘19’ का अंक अधिकतम 190 सीट की क्षमता जताता है.
चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस विमान की मानक दूरी 4075 किलोमीटर है. पतली बॉडी वाले इस विमान की तुलना एयरबस 320 और बोइंग के नवीनत 737 विमान से की जा सकती है. इसने चीन को वैश्विक विमानन के नक्शे पर ला दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि विकास के सफर में यह कॉमैक के लिए मील का एक पत्थर है.
उल्लेखनीय है कि चीन ने हाल के वर्षों में विमानन के क्षेत्र में बड़ी प्रगति हासिल की है. उसने नया युद्धक विमान बनाया. उसने रडार को चकमा देने वाला विमान बनाने का भी कीर्तिमान रचा.
बहरहाल, यह पहला मौका है जब उसने यात्री विमान का निर्माण किया है. जमीन के साथ पानी में भी उतरने की क्षमता रखने वाले चीन के पहले एंफिबियस विमान का पहला ग्लाइड परीक्षण 29 अप्रैल को जुहाइ में हो चुका है. यह दुनिया का सबसे बड़ा एंफिबियस विमान माना जा रहा है.
23 घरेलू और विदेशी क्रेताओं के कुल 570 आर्डर मिल चुके हैं. इनमें राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर चाइना और लीजिंग कंपनी जीई कैपिटल एविएशन सर्विसेज भी शामिल हैं. चीन में विमान की बढ़ती मांग के मद्देनजर एयरबस और बोइंग दोनों ने यहां अपने असेंबली प्लांट स्थापित कर रखे हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दो इंजन वाला सी-919 जेट विमान चालक दल के पांच सदस्यों के साथ अपने पहले हवाई सफर पर रवाना हुआ. इस सफर में कोई मुसाफिर शरीक नहीं हुआ. जेट सी-919 का निर्माण सरकारी कंपनी ‘कमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ऑफ चाइना लिमिटेड’ (कॉमैक) ने किया है. इसके क्रेता अधिकतर सरकारी चीनी एयरलाइन हैं.
जेट के नाम में शामिल ‘सी’ अक्षर चीन और विमान निर्माता कॉमैक दोनों का द्योतक है. अंक ‘9’ चीनी संस्कृति के ‘सर्वदा’ का प्रतीक है जबकि ‘19’ का अंक अधिकतम 190 सीट की क्षमता जताता है.
चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस विमान की मानक दूरी 4075 किलोमीटर है. पतली बॉडी वाले इस विमान की तुलना एयरबस 320 और बोइंग के नवीनत 737 विमान से की जा सकती है. इसने चीन को वैश्विक विमानन के नक्शे पर ला दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि विकास के सफर में यह कॉमैक के लिए मील का एक पत्थर है.
उल्लेखनीय है कि चीन ने हाल के वर्षों में विमानन के क्षेत्र में बड़ी प्रगति हासिल की है. उसने नया युद्धक विमान बनाया. उसने रडार को चकमा देने वाला विमान बनाने का भी कीर्तिमान रचा.
बहरहाल, यह पहला मौका है जब उसने यात्री विमान का निर्माण किया है. जमीन के साथ पानी में भी उतरने की क्षमता रखने वाले चीन के पहले एंफिबियस विमान का पहला ग्लाइड परीक्षण 29 अप्रैल को जुहाइ में हो चुका है. यह दुनिया का सबसे बड़ा एंफिबियस विमान माना जा रहा है.
23 घरेलू और विदेशी क्रेताओं के कुल 570 आर्डर मिल चुके हैं. इनमें राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर चाइना और लीजिंग कंपनी जीई कैपिटल एविएशन सर्विसेज भी शामिल हैं. चीन में विमान की बढ़ती मांग के मद्देनजर एयरबस और बोइंग दोनों ने यहां अपने असेंबली प्लांट स्थापित कर रखे हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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