प्रतीकात्मक तस्वीर
बीजिंग:
विवादित दक्षिण चीन सागर में अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच चीन ने गुरुवार को कहा कि वह दूसरे विमानवाहक पोत का निर्माण कर रहा है। चीन ने अपनी समुद्री सैन्य क्षमताओं में इजाफे के मकसद से तीसरा विमानवाहक पोत बनाने के भी संकेत दिए हैं।
रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि चीन पूर्वोत्तर लियाओनिंग प्रांत के डेलियन में ‘पूरी तरह अपने दम पर’ दूसरे विमानवाहक पोत का निर्माण कर रहा है।
कर्नल यांग युजून ने एक मासिक प्रेस वार्ता में बताया कि 50,000 टन भार वहन करने की क्षमता से लैस यह पोत जे-15 लड़ाकू विमानों एवं अन्य तरह के विमानों से लैस होगा।
युजून ने बताया कि पोत पर तैनात विमान वहां से उड़ान भरने के लिए एक स्की-जंप का इस्तेमाल करेंगे। पोत में एक परंपरागत ऊर्जा संयंत्र भी होगा।
बहरहाल, दूसरा विमानवाहक पोत कब तक बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा, इसके बारे में उन्होंने कोई समयसीमा नहीं बताई।
चीन ने दूसरा विमानवाहक पोत बनाने की बात ऐसे समय में स्वीकार की है जब दक्षिण चीन सागर मसले को लेकर अमेरिका से उसका सैन्य विवाद चल रहा है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने दक्षिण चीन सागर में सैन्य प्रतिष्ठानों के जरिए कृत्रिम द्वीपसमूह का निर्माण करने की चीन की कोशिशों को मान्यता देने से इनकार कर दिया है।
चीन पूरे दक्षिण चीन सागर को अपना क्षेत्र बताता है। वह दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसैनिक पोतों के परिचालन और उसके ऊपर के आसमान में अमेरिकी बी-52 बमवषर्कों की आवाजाही का कड़ा विरोध करता रहा है।
वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रूनेई और ताईवान भी दक्षिण चीन सागर के विभिन्न द्वीपसमूहों पर अपना दावा जताते हैं।
युजून ने तीसरा विमानवाहक पोत बनाने की चीन की योजनाओं के बारे में भी संकेत दिए।
रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि चीन पूर्वोत्तर लियाओनिंग प्रांत के डेलियन में ‘पूरी तरह अपने दम पर’ दूसरे विमानवाहक पोत का निर्माण कर रहा है।
कर्नल यांग युजून ने एक मासिक प्रेस वार्ता में बताया कि 50,000 टन भार वहन करने की क्षमता से लैस यह पोत जे-15 लड़ाकू विमानों एवं अन्य तरह के विमानों से लैस होगा।
युजून ने बताया कि पोत पर तैनात विमान वहां से उड़ान भरने के लिए एक स्की-जंप का इस्तेमाल करेंगे। पोत में एक परंपरागत ऊर्जा संयंत्र भी होगा।
बहरहाल, दूसरा विमानवाहक पोत कब तक बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा, इसके बारे में उन्होंने कोई समयसीमा नहीं बताई।
चीन ने दूसरा विमानवाहक पोत बनाने की बात ऐसे समय में स्वीकार की है जब दक्षिण चीन सागर मसले को लेकर अमेरिका से उसका सैन्य विवाद चल रहा है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने दक्षिण चीन सागर में सैन्य प्रतिष्ठानों के जरिए कृत्रिम द्वीपसमूह का निर्माण करने की चीन की कोशिशों को मान्यता देने से इनकार कर दिया है।
चीन पूरे दक्षिण चीन सागर को अपना क्षेत्र बताता है। वह दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसैनिक पोतों के परिचालन और उसके ऊपर के आसमान में अमेरिकी बी-52 बमवषर्कों की आवाजाही का कड़ा विरोध करता रहा है।
वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रूनेई और ताईवान भी दक्षिण चीन सागर के विभिन्न द्वीपसमूहों पर अपना दावा जताते हैं।
युजून ने तीसरा विमानवाहक पोत बनाने की चीन की योजनाओं के बारे में भी संकेत दिए।
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