
- चीन के विदेश मंत्री वांग यी अपनी दो दिवसीय यात्रा पर भारत आकर विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे.
- वांग यी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी बातचीत करेंगे.
- यह दौरा 2020 के गलवान विवाद के बाद भारत-चीन संबंधों को सामान्य करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी अपनी दो दिवसीय यात्रा के लिए भारत आ रहे हैं. अपनी इस यात्रा पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. यी पहले अपने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे. मंगलवार को उनकी खास मीटिंग पीएम मोदी से होनी. इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA)अजीत डोभाल के साथ भी उनकी मुलाकात होनी है. यी का भारत दौरा साल 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों के बाद गंभीर तनाव में आए दोनों देशों के संबंधों को फिर से सामान्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम है.
अमेरिका के साथ टेंशन, यी का दौरा
वांग का भारत दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है. उनके इस फैसले के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ गया है. विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार चीनी विदेश मंत्री सोमवार शाम लगभग 4:15 बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे. वह शाम लगभग 6 बजे द्विपक्षीय वार्ता के लिए जयशंकर से मुलाकात करेंगे. वांग और एनएसए डोभाल मंगलवार सुबह 11 बजे सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता के एक नए संस्करण का आयोजन करेंगे.
पीएम से खास मुलाकात
वांग मंगलवार शाम 5:30 बजे प्रधानमंत्री मोदी से उनके 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात करेंगे. चीनी विदेश मंत्री मुख्य रूप से एनएसए डोभाल के साथ 24वें दौर की विशेष प्रतिनिधि वार्ता के लिए भारत आएंगे. वांग और डोभाल सीमा वार्ता के लिए नामित विशेष प्रतिनिधि हैं. सूत्रों की मानें तो दोनों पक्षों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर समग्र स्थिति की समीक्षा के अलावा नए विश्वास-निर्माण उपायों पर विचार-विमर्श की उम्मीद है.
SCO के लिए करेंगे इनवाइट!
दोनों पक्षों ने टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को हटा लिया है, लेकिन उन्होंने सीमा से अग्रिम पंक्ति के बलों को वापस बुलाकर स्थिति को कम करना अभी बाकी है. पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्तमान में दोनों पक्षों के लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं. चीनी विदेश मंत्री विदेश मंत्री जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे. यी अपने इस दौरे का प्रयोग प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा की नींव रखने के लिए भी करेंगे. माना जा रहा है यी औपचारिक तौर पर पीएम मोदी को SCO का इनवाइट दे सकते हैं. पीएम मोदी 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. चीन इस समय एससीओ का वर्तमान अध्यक्ष है.
करीब आ रहे भारत-चीन!
प्रधानमंत्री 29 अगस्त के आसपास जापान की यात्रा पर जाएंगे और फिर वह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए उत्तरी चीन के शहर तियानजिन जाएंगे. 23 अक्टूबर, 2024 को कजान में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक मुलाकात हुई थी. मोदी-शी की यह मीटिंग भारत और चीन की ओर से देपसांग और देमसांग के लिए सैनिकों की वापसी के समझौते पर हस्ताक्षर करने के दो दिन बाद हुई थी.
दोनों पक्षों ने संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए कई पहल भी कीं, जिनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना और नई दिल्ली द्वारा चीनी नागरिकों को टूरिस्ट वीजा जारी करना शामिल है. दोनों पक्ष दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट सर्विस को फिर से शुरू करने पर भी चर्चा जारी है. 2020 में कोविड-19 महामारी के बाद दोनों पक्षों के बीच उड़ान सेवाओं को सस्पेंड कर दिया गया था. फिर सीमा विवाद के कारण इसे बहाल नहीं किया गया था.
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