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This Article is From Jan 15, 2017

भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) सदस्यता के मामले में चीन 'अवरोधक' : अमेरिका

भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) सदस्यता के मामले में चीन 'अवरोधक' : अमेरिका
चीनी प्रतिरोध की वजह से भारत एनएसजी का सदस्य नहीं बन सका. (फाइल फोटो)
वॉशिंगटन: अमेरिका के निवर्तमान ओबामा प्रशासन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सदस्य बनने की भारत की मुहिम में रोड़े अटकाने के लिए चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कम्युनिस्ट देश नई दिल्ली के प्रयास में 'अवरोधक' की तरह काम कर रहा है.

दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने कहा, 'स्पष्ट रूप से एक अवरोधक है, जिसका निदान करने की जरूरत है और वह चीन है'. उनका यह बयान उस वक्त आया है जब कुछ दिन बाद ही ओबामा प्रशासन का कार्यकाल खत्म हो जाएगा और ट्रंप प्रशासन की शुरुआत होगी.

अधिकारियों का कहना है कि चीनी प्रतिरोध की वजह से भारत एनएसजी का सदस्य नहीं बन सका. एनएसजी में सहमति के आधार पर फैसला होता है.

निशा ने कहा, 'राष्ट्रपति (बराक ओबामा) अपने इस विश्वास को लेकर पूरी तरह स्पष्ट रहे हैं कि भारत एनएसजी के लिए पात्रता रखता है और अमेरिका इस समूह में भारत के प्रवेश का समर्थन करता है'. उन्होंने कहा, 'हमने एनएसजी में भारत के आवेदन का समर्थन करने के लिए भारत के साथ बहुत निकटता से काम किया, लेकिन हमने यह भी पाया कि वहां कुछ चिंताएं बनी हुई, कुछ आपत्तियां हैं जिनको एनएसजी के कुछ सदस्यों ने प्रकट किया है और इनको लेकर काम करने की जरूरत है'.

ओबामा प्रशासन की इस पदाधिकारी ने कहा, 'हमारा मानना है कि हमने इस पर ठोस प्रगति की है और जब हम नए प्रशासन को कार्यभार सौंपेंगे तो आगे बढ़ने का मार्ग उपलब्ध होगा. स्पष्ट रूप से एक अवरोधक है, जिसका निदान करने की जरूरत है और वह चीन है'. उन्होंने कहा कि भारत का एनएसजी सदस्य नहीं बन पाना निराशाजनक है, लेकिन ओबामा प्रशासन भारत के 'मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था' (एमटीसीआर) में प्रवेश को लेकर प्रसन्न है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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