पर्थ:
राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों के सम्मेलन (चोगम) के आखिरी दिन रविवार को संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि (सीसीआईटी)की वार्ता को नतीजे तक पहुंचाने के लिए प्रयास तेज करने का आह्वान किया गया। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि चोगम 2011 की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, इसमें हिस्सा लेने पहुंचे 54 देशों के प्रतिनिधियों ने आतंकवाद पर भारत के इस रुख का समर्थन किया कि संयुक्त राष्ट्र में सीसीआईटी पर वार्ता को जल्द से जल्द नतीजे तक पहुंचाया जाना चाहिए। सीसीआईटी में आतंकवाद के सभी स्वरूपों को गैर-कानूनी घोषित करने और आतंकवादियों, उन्हें अनुदान देने वालों एवं उनके समर्थकों को वित्त, हथियार, सुरक्षित सुरक्षित ठिकाने नहीं मुहैया कराने की बात कही गई है। विज्ञप्ति के मुताबिक, चोगम स्थिर एवं सुरक्षित राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय वातावरण के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही सदस्य राष्ट्रों से यह भी आह्वान करता है कि वे अपनी भूमि का इस्तेमाल हिंसा फैलाने या आतंकवादी गतिविधियों के लिए न होने दें और आतंकवादियों को मिलने वाली वित्तीय मदद रोकने के लिए कानून बनाएं। हिंद महासागर में बढ़ती समुद्री डकैती की घटनाओं पर चिंता जताते हुए इससे निपटने के लिए भी सदस्य देशों का आह्वान किया गया। चोगम के सदस्य देशों ने समुद्री लुटेरों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता बताई और कहा कि समुद्री सुरक्षा कड़ी करने की जरूरत है। इसके अतिरिक्त साइबर सुरक्षा के लिए भी बेहतर कानून पर जोर दिया गया। चोगम ने जैविक एवं विषैले हथियारों से सम्बद्ध संधि की समीक्षा का भी समर्थन किया।
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चोगम-11, आतंकवाद