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लेबनान के त्रिपोली शहर में दो सुन्नी मस्जिदों के बाहर हुए शक्तिशाली कार बम विस्फोटों में 29 लोगों की मौत हो गई और 500 लोग घायल हो गए।
लेबनान में वर्ष 1975 से 1990 के दौर में हुए गृह युद्ध के बाद किसी घटना में मरने वालों के लिहाज से यह सबसे बड़ा हादसा है।
लेबनान रेड क्रॉस के निदेशक जॉर्जस केतानेह ने कहा, ‘कम से कम 29 लोगों की मौत हुई है और 500 लोग घायल हुए हैं। उनमें से कई लोगों की हालत गंभीर है, वे जले हुए हैं और सिर में गंभीर चोट आई है।’
दोनों विस्फोट उस वक्त हुए जब लोग जुमे की नमाज के बाद बाहर आ रहे थे। शहर में पड़ोसी देश सीरिया के विद्रोहियों के सुन्नी समर्थकों की अकसर अलावितों से झड़प होती रहती है। अलावित राष्ट्रपति बशर-अल-असद की सरकार का समर्थन करते हैं।
विस्फोट के बाद वहां आसपास मौजूद लोग घायलों की मदद के लिए दौड़े और हमले के शिकार हुए लोगों में अपने प्रियजनों की सलामती के लिए चीख-पुकार मच गई।
पहला विस्फोट निवर्तमान प्रधानमंत्री नजीब मिकाती के निवास के पास सिटी सेंटर में हुआ। हालांकि उनके कार्यालय ने बताया कि विस्फोट के वक्त प्रधानमंत्री त्रिपोली में नहीं थे।
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि दूसरा विस्फोट सुन्नी बहुल इलाके के अशांत शहर में बंदरगाह के पास हुआ। यह स्थान पूर्व पुलिस प्रमुख अशरफ रिफि के निवास के पास है।
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