सीरियाई शरणार्थी (फाइल फोटो)
टोरंटो:
कनाडा की कन्जर्वेटिव सरकार तुर्की के तट पर डूबे तीन साल के बच्चे की भयावह तस्वीर देखने के बावजूद और अधिक सीरियाई शरणार्थियों को अपने देश में प्रवेश देने से इनकार कर रही है। बच्चे की इस तस्वीर ने दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से दुनिया के सबसे बड़े प्रवासी संकट की ओर दुनिया का ध्यान खींचा है।
प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर की सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि कनाडा सीरियाई शरणार्थी शिविरों को अतिरिक्त मानवीय मदद के रूप में 10 करोड़ डॉलर उपलब्ध कराएगा, लेकिन उन्होंने और अधिक शरणार्थियों को कनाडा में बसाने के बारे में कोई घोषणा नहीं की।
दो सप्ताह पहले दिलो-दिमाग को झकझोर कर रख देने वाले छोटे बच्चे की एक तस्वीर सामने आने के बाद से कई देशों ने यह घोषणा की है कि वे हजारों अतिरिक्त सीरियाई शरणार्थियों को अपने देश में प्रवेश देंगे।
कनाडा ने जनवरी, 2014 के बाद से अब तक महज 2500 शरणार्थियों को ही प्रवेश दिया है, जिसके कारण कनाडा सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2011 में संघर्ष शुरू होने के बाद से 40 लाख से ज्यादा सीरियाई लोग अपना देश छोड़ चुके हैं। हार्पर सरकार ने जनवरी में घोषणा की थी कि वह तीन साल में 10,000 शरणार्थियों को प्रवेश देगी।
अगस्त के शुरू में उसने चार साल में अतिरिक्त 10,000 शरणार्थियों को स्वीकार करने का वादा किया था। शरणार्थियों के प्रति कनाडा के रुख को लेकर सरकार की व्यापक आलोचना की जा रही है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से कोसोवो, युगांडा, वियतनाम आदि देशों में संकट के चलते 12 लाख से अधिक शरणार्थियों को कनाडा शरण दे चुका है। लेकिन वर्ष 2006 में हार्पर के प्रधानमंत्री बनने के बाद से वहां शरणार्थियों की संख्या में कमी आई है।
प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर की सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि कनाडा सीरियाई शरणार्थी शिविरों को अतिरिक्त मानवीय मदद के रूप में 10 करोड़ डॉलर उपलब्ध कराएगा, लेकिन उन्होंने और अधिक शरणार्थियों को कनाडा में बसाने के बारे में कोई घोषणा नहीं की।
दो सप्ताह पहले दिलो-दिमाग को झकझोर कर रख देने वाले छोटे बच्चे की एक तस्वीर सामने आने के बाद से कई देशों ने यह घोषणा की है कि वे हजारों अतिरिक्त सीरियाई शरणार्थियों को अपने देश में प्रवेश देंगे।
कनाडा ने जनवरी, 2014 के बाद से अब तक महज 2500 शरणार्थियों को ही प्रवेश दिया है, जिसके कारण कनाडा सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2011 में संघर्ष शुरू होने के बाद से 40 लाख से ज्यादा सीरियाई लोग अपना देश छोड़ चुके हैं। हार्पर सरकार ने जनवरी में घोषणा की थी कि वह तीन साल में 10,000 शरणार्थियों को प्रवेश देगी।
अगस्त के शुरू में उसने चार साल में अतिरिक्त 10,000 शरणार्थियों को स्वीकार करने का वादा किया था। शरणार्थियों के प्रति कनाडा के रुख को लेकर सरकार की व्यापक आलोचना की जा रही है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से कोसोवो, युगांडा, वियतनाम आदि देशों में संकट के चलते 12 लाख से अधिक शरणार्थियों को कनाडा शरण दे चुका है। लेकिन वर्ष 2006 में हार्पर के प्रधानमंत्री बनने के बाद से वहां शरणार्थियों की संख्या में कमी आई है।
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