प्रतिकात्मक तस्वीर
लंदन:
ब्रिटेन के प्रजनन नियामक प्राधिकरण ने ऐतिहासिक फैसले में गुरुवार को एक विवादित तकनीक को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अगले वर्ष से देश में ‘तीन माता-पिता’ वाले बच्चे पैदा हो सकेंगे.
प्रजनन नियामक ‘ह्यूमन फर्टिलाइजेशन एंड एम्ब्रायोलॉजी ऑथॉरिटी’ (एचएफईए) ने तीन लोगों के आईवीएफ को मंजूरी दे दी है. इस तकनीक के माध्यम से बच्चे में जानलेवा, घातक अनुवांशिक बीमारियों को आने से रोका जा सकेगा. दो महिलाओं और एक पुरुष से बने ऐसे पहले बच्चे अगले वर्ष इन्हीं दिनों जन्म लेंगे.
इस तकनीक का प्रयोग कर जन्म लेने वाले बच्चों में अपने माता-पिता के जीन के अलावा तीसरी मां के डीएनए का कुछ हिस्सा होगा. एचएफईए अध्यक्ष सैली चेशर ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक महत्व का फैसला है. यह अभी नियंत्रित अनुमति है, यह कोई खुली छूट नहीं है और अभी लंबा रास्ता तय करना है. मुझे पूरा यकीन है कि हमने जो घोषणा की है उससे मरीज बहुत खुश होंगे.’
नियमों के अनुसार, इस दुर्लभ प्रक्रिया को अपनाने से पहले प्रत्येक क्लिनिक और प्रत्येक मरीज को प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी. क्लिनिक अब ‘तीन व्यक्ति आईवीएफ’ के विस्तृत प्रयोग हेतु लाइसेंस प्राप्ति के लिए एचएफईए में आवेदन कर सकते हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रजनन नियामक ‘ह्यूमन फर्टिलाइजेशन एंड एम्ब्रायोलॉजी ऑथॉरिटी’ (एचएफईए) ने तीन लोगों के आईवीएफ को मंजूरी दे दी है. इस तकनीक के माध्यम से बच्चे में जानलेवा, घातक अनुवांशिक बीमारियों को आने से रोका जा सकेगा. दो महिलाओं और एक पुरुष से बने ऐसे पहले बच्चे अगले वर्ष इन्हीं दिनों जन्म लेंगे.
इस तकनीक का प्रयोग कर जन्म लेने वाले बच्चों में अपने माता-पिता के जीन के अलावा तीसरी मां के डीएनए का कुछ हिस्सा होगा. एचएफईए अध्यक्ष सैली चेशर ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक महत्व का फैसला है. यह अभी नियंत्रित अनुमति है, यह कोई खुली छूट नहीं है और अभी लंबा रास्ता तय करना है. मुझे पूरा यकीन है कि हमने जो घोषणा की है उससे मरीज बहुत खुश होंगे.’
नियमों के अनुसार, इस दुर्लभ प्रक्रिया को अपनाने से पहले प्रत्येक क्लिनिक और प्रत्येक मरीज को प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी. क्लिनिक अब ‘तीन व्यक्ति आईवीएफ’ के विस्तृत प्रयोग हेतु लाइसेंस प्राप्ति के लिए एचएफईए में आवेदन कर सकते हैं.
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