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This Article is From May 01, 2013

सरबजीत ‘नॉन रिवर्सिबल’ कोमा में, भारत ने फिर की रिहाई की मांग

लाहौर / इस्लामाबाद / वाघा बॉर्डर: जानलेवा हमले में पिछले सप्ताह गंभीर रूप से घायल भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह ‘नॉन रिवर्सिबल’ कोमा में चले गए हैं और यहां अस्पताल में डॉक्टर उनकी जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

उधर, भारतीय उच्चायुक्त ने पाकिस्तानी विदेश सचिव से मुलाकात की और मानवीय एवं सहानुभूति के आधार पर सरबजीत सिंह को तत्काल रिहा करने का पाकिस्तान से आग्रह किया। भारत ने सरबजीत के लिए बेहतर इलाज की मांग करते हुए कहा कि उसे भारत नहीं तो किसी दूसरे देश भेजा जाए।

गौरतलब है कि सरकारी सूत्रों ने बताया है कि सरबजीत की हालत जिस तरह से गिर रही है उससे वह ‘दिमागी रूप से मृत’ की हालत में जा सकते हैं। किसी व्यक्ति के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को पहुंची क्षति और मस्तिष्क के चेतना स्तर का संकेतक बताने वाले ग्लासगो कोमा स्केल पर सरबजीत की हालत ‘नाजुक स्तर’ तक गिर गई है।

उधर, सरबजीत सिंह का परिवार आज पाकिस्तान से भारत लौट आया। सरबजीत के परिजन ने स्वदेश लौटने के बाद कहा कि वे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य नेताओं से मिलने का प्रयास करेंगे।

बहन दलबीर कौर ने मांग की है कि सरबजीत के इलाज में मदद के लिए भारतीय चिकित्सकों को पाकिस्तान बुलाया जाना चाहिए या फिर उसे इलाज के लिए विदेश भेजा जाना चाहिए।

भारत लौटकर दलबीर कौर ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया ने बार-बार उनसे पूछा कि भारत की सरकार पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाने में नाकाम रही। प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए दलबीर ने उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि सरबजीत के मामले में सबसे ज्यादा निराश वह भारत सरकार से हैं। सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए।

कौर ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि जेल में सरबजीत पर हमला सोची-समझी साजिश के तहत किया गया। उन्होंने पाकिस्तान के डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि उन्होंने मेडिकल की कोई रिपोर्ट नहीं दी। मुझे उनके इलाज पर शक है।

दलबीर ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने उसे जानकारी दी है कि तालिबान ने उसे भी मारने की धमकी दी है।

49 वर्षीय सरबजीत पर शुक्रवार को जेल में छह कैदियों ने हमला किया था और उसके सिर की हड्डी में चोट आने के अलावा उसे कई प्रकार की चोटें लगी थीं । उसके सिर पर ईंटों से हमला किया गया तथा उसकी गर्दन और धड़ पर तेज हथियारों से वार किए गए थे।

एक सूत्र ने बताया कि सरबजीत का ‘दिल धड़क रहा है’ लेकिन ‘दिमाग काम नहीं कर रहा है’ क्योंकि ऐसा उसके दिमाग को शुक्रवार को हुए हमले में लगी गहरी सिर की चोट का नतीजा है। सरबजीत पर शुक्रवार को कोट लखपत जेल में कैदियों ने हमला किया था। सरबजीत पूरी तरह बेहोशी की हालत में हैं और जीवन रक्षक उपकरणों के बिना सांस लेने में सक्षम नहीं हैं।

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