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अमृतपाल सिंह और बेअंत सिंह के बेटे की जीत के क्या हैं मायने?

खालिस्तानी समर्थक अमृत पाल सिंह (Amritpal Singh) और फरीदकोट से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा की जीत के बाद से ये बात भी उठने लगी है कि क्या सिख समाज में यहां के पारंपरिक राजनीतिक दलों को लेकर नाराजगी पनप रही है. 

अमृतपाल सिंह और बेअंत सिंह के बेटे की जीत के क्या हैं मायने?
पंजाब में अमृतपाल सिंह और सरबजीत सिंह जीते चुनाव.
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव के नतीजे (Loksabha Election Result) काफी चौंकाने वाले रहे. कई दिग्गज नेता चुनाव हार गए तो कई ऐसे उम्मीदवार निर्दलीय लड़कर चुनाव जीत गए, जिसकी शायद किसी ने उम्मीद भी नहीं की होगी. पंजाब के नतीजे काफी हैरान करने वाले हैं. राज्य की 13 में से 7 सीटों पर कांग्रेस ने और 3 पर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की है. 1 सीट पर शिरोमणि अकाली दल और दो पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. वहीं बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया है. सबसे ज्यादा चर्चा दोनों निर्दलीय उम्मीदवारों की हो रही है. एक तरफ खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) तो दूसरी तरफ बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा (Sarabjt Singh Khalsa) की जीत. इनके चुनाव जीतने के बाद इस बात का डर सताने लगा है कि पंजाब में कहीं अलगाववाद का नया मोर्चा फलने-फूलने तो नहीं लगा. 

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खालिस्तानी समर्थक 'वारिस पंजाब दे' अमृत पाल सिंह और फरीदकोट से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा की जीत के बाद से पंजाब की खडूर साहिब और फरीदकोट सीट लाइमलाइट में बनी हुई है. दोनों की जीत से ये सवाल भी उठने लगा है कि क्या सिख समाज में यहां के पारंपरिक राजनीतिक दलों को लेकर नाराजगी है, जो अमृतपाल को जिता दिया. 

कौन है अमृतपाल सिंह?

  • अमृत पाल सिंह न सिर्फ खालिस्तानी समर्थक है, बल्कि उस पर देशद्रोह का आरोप लगा है.वर्तमान में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. 
  • अमृतपाल के खिलाफ NSA समेत 16 मामले दर्ज हैं. पंजाब पुलिस ने उसको पिछले साल अप्रैल में भिंडरांवाले के गांव रोडे से गिरफ़्तार किया था. 
  • अमृत पाल को खडूर साहिब सीट पर 404430 वोट मिले. उसने 197120 वोटों से जीत दर्ज की है.
  • खडूर साहिब सीट सिखों के लिए काफी अहम मानी जाती है. यहां का गुरुद्वारा बेहद पवित्र माना जाता है. कहा जाता है कि गुरुनानक देव यहां पर करीब 5 बार आए थे. इस अहम सीट पर अमृतपाल सिंह की जीत काफी अहम मानी जा रही है.
  • अमृतपाल को सिमरनजीत सिंह मान की पार्टी शिरोमणि अकाली दल का समर्थ हासिल है. हैरान करने वाली बात यह है कि अमृतपाल ने जेल से चुनाव लड़ा.
  • चुनाव प्रचार की कमान उसके समर्थकों ने संभाली थी. जेल में रहते अमृतपाल चुनाव जीत गया. उसका मुख्य चुनावी मुद्दा पंजाब को नशे से मुक्त करवाना रहा. 

कौन है सरबजीत सिंह खालसा?

  •  सरबजीत सिंह खालसा पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे है. उन्होंने फरीदकोर्ट से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की है.
  • सरबजीत सिंह को 298062 वोट मिले, उन्होंने 70053 वोटों से जीत दर्ज की. सरबजीत सिंह ने AAP उम्मीदवार करमजीत अनमोल को हरा दिया.
  • सरबजीत ने साल 2015 में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी का मुद्दा उठाकर चर्चा बटोरी थी.
  • सरबजीत विवादों में इसलिए हैं, क्यों कि वह बेअंत सिंह के बेटे हैं. उनका कहना है कि सिख संगत के कहने पर वह चुनावी मैदान में उतरे.
  • सरबजीत नशा, खराब शिक्षा, बेरोजगारी समेत अन्य मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में उतरे थे, जो शायद वहां के लोगों को भा गए. 

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