प्रतीकात्मक फोटो
सैन फ्रांसिस्को:
अमेरिका की यूनाइटेड एयरलाइन के विमान में सवार एक महिला ने भेदभाव की शिकायत की है. महिला का आरोप है कि उसकी पहले से बुक सीट को दो "मुस्लिम धर्मगुरूओं" के लिए बदल दिया गया क्योंकि वे किसी महिला के पास नहीं बैठना चाहते थे.
मैरी कैंपोस कैलिफोर्निया से ह्यूस्टन जाने वाले विमान में सवार थीं. उन्होंने बताया कि एयरलाइन ने उनकी सीट इसलिए बदली क्योंकि "वह महिला हैं और दो पुरूष एक महिला के नजदीक नहीं बैठना चाहते थे." सीबीसी लोकल की रिपोर्ट के मुताबिक मैरी को नया बोर्डिंग पास देते वक्त इसकी वजह यह बताई गई कि दो यात्री अपनी "धार्मिक मान्यताओं" के चलते किसी महिला के पास नहीं बैठ सकते हैं और न ही वे किसी महिला से बात कर सकते हैं.
मैरी को बताया गया कि लंबे नारंगी रंग के शर्ट पहने पुरूष पाकिस्तानी धर्मगुरू हैं. मैरी के मुताबिक महिला कर्मचारियों द्वारा उन दो पुरूषों को भोजन भी नहीं परोसने दिया गया. उन्होंने कहा, "किसी दूसरे देश की मान्यताओं के आधार पर यहां की आधी आबादी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता." रिपोर्ट ने मैरी के हवाले से कहा है, "मेरा मानना है कि हम ऐसी संस्कृति में रहते हैं जहां महिलाओं को पुरूषों के बराबर माना जाता है." इसमें कहा गया है कि इस घटना से मैरी स्तब्ध थीं लेकिन नई सीट लेने के अलावा और कोई विकल्प भी नहीं था.
यूनाइटेड एयरलाइन को लिखे पत्र में मैरी ने कहा है, "ऐसी मान्यता में विश्वास रखने वाले किसी भी व्यक्ति को व्यावसायिक विमान मे यात्रा नहीं करनी चाहिए." एयरलाइन ने एक वक्तव्य जारी किया है जिसमें कहा गया है, "सीट बदले जाने का श्रीमती कंपोस को बुरा लगा, इस बात का हमें खेद है. यूनाइटेड अपने कर्मचारियों से सर्वोच्च स्तर के पेशेवर होने और भेदभाव के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की उम्मीद करते हैं."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मैरी कैंपोस कैलिफोर्निया से ह्यूस्टन जाने वाले विमान में सवार थीं. उन्होंने बताया कि एयरलाइन ने उनकी सीट इसलिए बदली क्योंकि "वह महिला हैं और दो पुरूष एक महिला के नजदीक नहीं बैठना चाहते थे." सीबीसी लोकल की रिपोर्ट के मुताबिक मैरी को नया बोर्डिंग पास देते वक्त इसकी वजह यह बताई गई कि दो यात्री अपनी "धार्मिक मान्यताओं" के चलते किसी महिला के पास नहीं बैठ सकते हैं और न ही वे किसी महिला से बात कर सकते हैं.
मैरी को बताया गया कि लंबे नारंगी रंग के शर्ट पहने पुरूष पाकिस्तानी धर्मगुरू हैं. मैरी के मुताबिक महिला कर्मचारियों द्वारा उन दो पुरूषों को भोजन भी नहीं परोसने दिया गया. उन्होंने कहा, "किसी दूसरे देश की मान्यताओं के आधार पर यहां की आधी आबादी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता." रिपोर्ट ने मैरी के हवाले से कहा है, "मेरा मानना है कि हम ऐसी संस्कृति में रहते हैं जहां महिलाओं को पुरूषों के बराबर माना जाता है." इसमें कहा गया है कि इस घटना से मैरी स्तब्ध थीं लेकिन नई सीट लेने के अलावा और कोई विकल्प भी नहीं था.
यूनाइटेड एयरलाइन को लिखे पत्र में मैरी ने कहा है, "ऐसी मान्यता में विश्वास रखने वाले किसी भी व्यक्ति को व्यावसायिक विमान मे यात्रा नहीं करनी चाहिए." एयरलाइन ने एक वक्तव्य जारी किया है जिसमें कहा गया है, "सीट बदले जाने का श्रीमती कंपोस को बुरा लगा, इस बात का हमें खेद है. यूनाइटेड अपने कर्मचारियों से सर्वोच्च स्तर के पेशेवर होने और भेदभाव के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की उम्मीद करते हैं."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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