मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद (फाइल फोटो)
माले:
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को दोबारा जेल भेज दिया गया। स्वास्थ्य कारणों से उनके 13 साल कारावास की सजा को नजरबंदी में बदलने के दो महीने के बाद उन्हें फिर से जेल भेजा गया। मीडिया की सोमवार की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
वेबसाइट हवीरू ऑनलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के नेतृत्वकर्ता नशीद की सजा को स्वास्थ्य कारणों से दो महीनों के लिए नजरबंदी में स्थानांतरित कर दिया गया था।
स्थानांतरण 21 जून को हुआ था, जिसकी अवधि शुक्रवार को समाप्त हो गई। लेकिन, उनके वकील ने इस बात की पुष्टि की थी कि सरकार ने नशीद की बाकी बची सजा की अवधि को नजरबंदी में तब्दील कर दिया। उन्हें हालांकि रविवार देर शाम दोबारा माफुशी जेल ले जाया गया। सरकार ने फैसले को बदलने के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं किया है।
इसी बीच, बचाव पक्ष के वकीलों ने आपराधिक न्यायालय से नशीद के दोबारा जेल में स्थानांतरण को अवैध घोषित करने और उन्हें तत्काल रिहा करने की घोषणा करने के लिए कहा। अदालत के एक अधिकारी ने नशीद के वकीलों की याचिका की पुष्टि की, लेकिन कहा कि मामले को स्वीकार करने का फैसला अदालत को लेना है।
नशीद के वकीलों ने एक बयान में सरकार को संविधान के उल्लंघन का आरोपी बताते हुए कहा कि किसी सजा को पहले कम करने और फिर दोबारा उसे पहली स्थिति में करना वैध नहीं है। नशीद को मुख्य आपराधिक न्यायाधीश अब्दुल्ला मोहम्मद को बंधक बनाने की साजिश रचने का दोषी पाया गया है।
वेबसाइट हवीरू ऑनलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के नेतृत्वकर्ता नशीद की सजा को स्वास्थ्य कारणों से दो महीनों के लिए नजरबंदी में स्थानांतरित कर दिया गया था।
स्थानांतरण 21 जून को हुआ था, जिसकी अवधि शुक्रवार को समाप्त हो गई। लेकिन, उनके वकील ने इस बात की पुष्टि की थी कि सरकार ने नशीद की बाकी बची सजा की अवधि को नजरबंदी में तब्दील कर दिया। उन्हें हालांकि रविवार देर शाम दोबारा माफुशी जेल ले जाया गया। सरकार ने फैसले को बदलने के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं किया है।
इसी बीच, बचाव पक्ष के वकीलों ने आपराधिक न्यायालय से नशीद के दोबारा जेल में स्थानांतरण को अवैध घोषित करने और उन्हें तत्काल रिहा करने की घोषणा करने के लिए कहा। अदालत के एक अधिकारी ने नशीद के वकीलों की याचिका की पुष्टि की, लेकिन कहा कि मामले को स्वीकार करने का फैसला अदालत को लेना है।
नशीद के वकीलों ने एक बयान में सरकार को संविधान के उल्लंघन का आरोपी बताते हुए कहा कि किसी सजा को पहले कम करने और फिर दोबारा उसे पहली स्थिति में करना वैध नहीं है। नशीद को मुख्य आपराधिक न्यायाधीश अब्दुल्ला मोहम्मद को बंधक बनाने की साजिश रचने का दोषी पाया गया है।
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