मेलबर्न:
ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड प्रांत में अपनी तरह के पहले कानूनी मामले में भारतीय मूल के सर्जन जयंत पटेल के वकीलों ने हत्या मामले में सुनवाई शुरू करने से पहले न्यायाधीशों से सवाल करने का अधिकार हासिल कर लिया है।
केन फ्लेमिंग की अगुवाई में 62 साल के पटेल की कानूनी टीम ने न्यायाधीश मंडल कानून (ज्यूरी एक्ट) के तहत अपने मुवक्किल के खिलाफ किसी तरह की भेदभावपूर्ण भावना होने को लेकर न्यायाधीशों से सवाल करने की अनुमति की खातिर आवेदन दिया था।
पटेल पर 2003 में बंडाबर्ग अस्पताल में 75 साल की मेर्विन मॉरिस की मौत का आरोप है और कल से चिकित्सक के खिलाफ ब्रिस्बेन में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
क्राउन का आरोप है कि पटेल ने जरूरी न होने के बावजूद मॉरिस का ऑपरेशन किया जिससे मरीज की जान गई।
मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक, न्यायाधीश जॉर्ज फ्राइबर्ग ने आवेदन को मंजूरी दी और ऐसी संभावना है कि 12 न्यायाधीशों को पटेल के बारे में एक प्रश्नावली भरने को कहा जाएगा।
केन फ्लेमिंग की अगुवाई में 62 साल के पटेल की कानूनी टीम ने न्यायाधीश मंडल कानून (ज्यूरी एक्ट) के तहत अपने मुवक्किल के खिलाफ किसी तरह की भेदभावपूर्ण भावना होने को लेकर न्यायाधीशों से सवाल करने की अनुमति की खातिर आवेदन दिया था।
पटेल पर 2003 में बंडाबर्ग अस्पताल में 75 साल की मेर्विन मॉरिस की मौत का आरोप है और कल से चिकित्सक के खिलाफ ब्रिस्बेन में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
क्राउन का आरोप है कि पटेल ने जरूरी न होने के बावजूद मॉरिस का ऑपरेशन किया जिससे मरीज की जान गई।
मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक, न्यायाधीश जॉर्ज फ्राइबर्ग ने आवेदन को मंजूरी दी और ऐसी संभावना है कि 12 न्यायाधीशों को पटेल के बारे में एक प्रश्नावली भरने को कहा जाएगा।
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