यूके में 50 से ज्यादा भारतीय छात्रों के 'आधुनिक गुलाम' बनने की आशंका, 5 आरोपियों की हुई पहचान

श्रम दुर्व्यवहार के 5 आरोपियों की पहचान भी की गई है. पांच लोगों पर नॉर्थ वेल्स में केयर होम्स में काम करने वाले कमजोर तबके के भारतीय छात्रों की भर्ती और शोषण कराने का संदेह है. इन्हें दिसंबर 2021 और मई 2022 के बीच गिरफ्तार किया था. इनके खिलाफ जांच जारी है.

यूके में 50 से ज्यादा भारतीय छात्रों के 'आधुनिक गुलाम' बनने की आशंका, 5 आरोपियों की हुई पहचान

बीते 14 महीनों में 50 से ज्यादा भारतीय छात्रों की पहचान की है, जिनके आधुनिक गुलामी और श्रम शोषण के पीड़ित होने की आशंका है.

लंदन:

भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) ने यूनाइटेड किंगडम के नॉर्थ वेल्स के केयर होम्स (देखभाल घर) में 50 से ज्यादा भारतीय छात्रों के आधुनिक गुलामी (Modern Slavery)का शिकार होने की आशंका जताई है. लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने ऐसे छात्रों को मदद और काउंसलिंग के लिए मिशन से संपर्क करने की अपील की. यूके सरकार की खुफिया और श्रम शोषण के लिए जांच एजेंसी गैंगमास्टर्स एंड लेबर एब्यूज अथॉरिटी (GLAA) ने इस सप्ताह की शुरुआत में रिपोर्ट दी थी कि वह श्रम दुर्व्यवहार के 5 आरोपियों के खिलाफ अदालती आदेश प्राप्त करने में सफल रही है.

जीएलएलए ने कहा कि उसने बीते 14 महीनों में 50 से ज्यादा भारतीय छात्रों की पहचान की है, जिनके आधुनिक गुलामी और श्रम शोषण के पीड़ित होने की आशंका है. उच्चायोग ने एक ट्वीट में कहा, "हम इस खबर को पढ़कर चिंतित हैं. जिन भारतीयों को इसका सामना करना पड़ रहा है, कृपया pol3.london@mea.gov.in पर हमसे संपर्क करें. हम मदद या सलाह देंगे. हम आपको अपनी प्रतिक्रिया में गोपनीयता का आश्वासन देते हैं." 

पांच लोगों पर नॉर्थ वेल्स में केयर होम्स में काम करने वाले कमजोर तबके के भारतीय छात्रों की भर्ती और शोषण कराने का संदेह है. उन्हें गुलामी और तस्करी जोखिम आदेश (एसटीओ) दिया गया है. इन 5 लोगों में मैथ्यू इसाक (32), जिनू चेरियन (30), एल्डहोस चेरियन (25), एल्डहोस कुरियाचन (25) और जैकब लिजू (47) शामिल हैं. ये सभी मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं. इन्हें दिसंबर 2021 और मई 2022 के बीच गिरफ्तार किया था. इनके खिलाफ जांच जारी है.

जीएलएलए ने कहा कि इसका और उसकी पत्नी जिनू चेरियरन ने मई 2021 में रजिस्टर्ड भर्ती एजेंसी एलेक्स केयर सॉल्यूशंस के जरिए श्रमिकों की आपूर्ति की थी. तीन महीने बाद 'मॉडर्न स्लेवरी एंड एक्सप्लॉयमेंट हेल्पलाइन' की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि एलेक्सा केयर द्वारा भर्ती किए भारतीय श्रमिकों को सही तरीके से भुगतान नहीं किया जा रहा है या उनका वेतन रोक दिया गया है.

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