यूक्रेन के ओडेसा शहर में चरमपंथियों ने एक इमारत में आग लगा दी, जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 50 घायल हो गए, जिनमें 10 पुलिसकर्मी भी हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, घटना शुक्रवार की है। यूक्रेन के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने बताया कि 30 लोगों की मौत सांस में कार्बन डाइऑक्साइड के घुलने के कारण हो गई, जबकि आग से बचने की कोशिश में इमारत की खिड़कियों से छलांग लगाने के कारण आठ लोगों की मौत हो गई।
यूक्रेन की सरकार ने इसके लिए देश के चरमपंथी संगठन राइट सेक्टर को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस के अनुसार, संघर्ष की शुरुआत शुक्रवार को देश के पूर्वी शहर खारकोव के फुटबॉल प्रशंसकों तथा यूक्रेन के राइट सेक्टर के चरमपंथियों के बीच झड़प से हुई। उसी दिन यूक्रेन की सेना ने सलावियान्स्क में उस सरकारी इमारत को रूसी समर्थकों से खाली करवाने के लिए कार्रवाई की, जिस पर उन्होंने कब्जा जमा रखा था।
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने इस संघर्ष में अपने दो हेलीकॉप्टर के क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि की है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि हेलीकॉप्टर को सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से मार गिराया गया। इससे साबित होता है कि जिन लोगों के खिलाफ सेना ने अभियान छेड़ा था, वे सामान्य नागरिक नहीं, बल्कि हथियारबंद व प्रशिक्षित आतंकवादी थे।
वहीं, रूस ने यूक्रेन की सेना की ओर से की गई कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि यूक्रेन 17 अप्रैल को हुए जेनेवा समझौते का सम्मान नहीं करता।
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