ऑस्ट्रेलिया: मेलबर्न में खालिस्तानी गुटों के हमले में 2 लोग घायल, 2 संदिग्ध हिरासत में लिए गए

रिपोर्ट के मुताबिक, मेलबर्न में खालिस्तानी गुट के लोग पंजाब को लेकर एक जनमत संग्रह (रेफरेंडम) कर रहे थे, जिसके विरोध में भारत-समर्थक प्रदर्शनकारियों ने तिरंगा लहराया. इसी को लेकर दोनों गुटों में बहस हो गई.

मेलबर्न:

भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंध जहां दिनोंदिन मजबूत होते जा रहे हैं, वहीं मेलबर्न में ऐसा कुछ हुआ है, जिससे नई समस्या खड़ी हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, तथा-कथित पंजाब स्वतंत्रता जनमत संग्रह के दौरान खालिस्तानी कार्यकर्ताओं और भारत-समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच दो जगहों पर झड़प हुई. इस दौरान 2 लोग घायल हो गए. विक्टोरिया पुलिस ने मामले में 2 लोगों को हिरासत में लिया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, मेलबर्न में खालिस्तानी गुट के लोग पंजाब को लेकर एक जनमत संग्रह (रेफरेंडम) कर रहे थे, जिसके विरोध में भारत-समर्थक प्रदर्शनकारियों ने तिरंगा लहराया. इसी को लेकर दोनों गुटों में बहस हो गई. इस दौरान धारदार हथियार से हमला भी हुआ, जिसमें दो लोगों के घायल होने की बात सामने आ रही है. पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. 

बता दें कि भारत पहले ही ऑस्ट्रेलिया सरकार को देश में खालिस्तानी अलगाववादियों की भारत-विरोधी गतिविधियों और देश के विभिन्न हिस्सों में हिन्दू मंदिरों में तोड़फोड़ पर रोक लगाने के लिए कह चुका है.

 29 जनवरी की है घटना
ऑस्ट्रेलियन मीडिया Special Broadcasting Service की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 जनवरी की शाम मेलबर्न में अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस संगठन ने अनौपचारिक रूप से पंजाब की आजादी के लिए जनमत संग्रह कराया था. इसे खालिस्तान जनमत संग्रह का नाम दिया गया. इसी को लेकर दो जगहों पर झड़प हुई. पुलिस के मुताबिक, झड़प की पहली घटना वहां के समय के मुताबिक, 29 जनवरी को दोपहर करीब 12:30 बजे हुई. दूसरी घटना शाम 4 बजे के आसपास की है. पुलिस ने हालांकि, तुरंत मुस्तैदी दिखाते हुए स्थिति को नियंत्रण में कर लिया.

मेलबर्न में हुई घटना चिंता की बात
कनाडा में खालिस्तानी गुटों की सक्रियता के बीच मेलबर्न में हुई घटना बेहद चिंता की बात है. पहले कनाडा में हिंदू मंदिरों और लोगों को निशाना बनाया जाता था. लेकिन अब ऑस्ट्रेलिया में ऐसे मामले आ रहे हैं. भारत ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ और उनपर भारत विरोधी आतंकवादियों का महिमामंडन करने वाली बातें लिखने की निंदा की है. इस महीने की शुरुआत में, मेलबर्न में स्वामीनारायण मंदिर, विक्टोरिया के कैरम डाउन्स में ऐतिहासिक श्री शिव विष्णु मंदिर और मेलबर्न में इस्कॉन मंदिर पर 'असामाजिक तत्वों' ने भारत विरोधी बातें लिख दी थीं. कैनबरा में भारतीय उच्चायोग ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कड़े शब्दों में कहा, "यह खतरनाक है."

सिख फॉर जस्टिस पर जताया संदेह
भारतीय उच्चायोग ने यह भी कहा कि ये घटनाएं शांतिपूर्ण बहु-विश्वास और बहु-सांस्कृतिक भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई समुदाय के बीच घृणा और विभाजन बोने का स्पष्ट प्रयास थीं. उच्चायोग ने इस बात पर प्रकाश डाला कि "खालिस्तान समर्थक तत्व ऑस्ट्रेलिया में अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ा रहे हैं. सिख फॉर जस्टिस (SFJ) और अन्य आतंकवादी संगठनों के सदस्य सक्रिय रूप से इस तरह के मामलों को सहायता और बढ़ावा दे रहे हैं." बयान में कहा गया है, "उम्मीद है कि न केवल अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा, बल्कि आगे की घटनाओं को रोकने के लिए उपयुक्त कार्रवाई भी की जाएगी." 

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