प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:
मिस्र की एक सैन्य अदालत ने गुरुवार को इस्लामी संगठनों से जुड़े 17 लोगों को देश के तीन गिरजाघरों में बम विस्फोट के आरोप में मृत्युदंड की सजा सुनाई. इन बम विस्फोटों में 82 लोगों की मौत हो गई थी. समाचार एजेंसी एमईएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में 19 लोगों को उम्रकैद और 15 अन्य को आठ-आठ साल जेल की सजा सुनाई गई है। मिस्र में उम्रकैद 25 वर्षो की होती है.
अप्रैल 2017 में, तनात शहर के सेंट जार्ज गिरजाघर और अलेक्जेंड्रिया के सेंट मार्क के कॉप्टिक ऑर्थोडॉक्स कैथ्रेडल में दो आत्मघाती हमले हुए थे, जिसमें 45 लोगों की मौत हो गई थी.2016 में काहिरा में सेंट मार्क कॉप्टिक ऑर्थोडॉक्स कैथ्रेडल में एक अन्य हमले में 37 लोगों की मौत हो गई थी.इन तीनों हमलों में कम से कम 166 लोग घायल हुए थे.अभियुक्तों को काहिरा में 14 पुलिसकर्मियों की हत्या के प्रयास के लिए भी दोषी ठहराया गया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अप्रैल 2017 में, तनात शहर के सेंट जार्ज गिरजाघर और अलेक्जेंड्रिया के सेंट मार्क के कॉप्टिक ऑर्थोडॉक्स कैथ्रेडल में दो आत्मघाती हमले हुए थे, जिसमें 45 लोगों की मौत हो गई थी.2016 में काहिरा में सेंट मार्क कॉप्टिक ऑर्थोडॉक्स कैथ्रेडल में एक अन्य हमले में 37 लोगों की मौत हो गई थी.इन तीनों हमलों में कम से कम 166 लोग घायल हुए थे.अभियुक्तों को काहिरा में 14 पुलिसकर्मियों की हत्या के प्रयास के लिए भी दोषी ठहराया गया.
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