
- उत्तरकाशी के धराली इलाके में बादल फटने से चार मौतों की पुष्टि हुई, 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं
- राज्य सरकार ने पीड़ितों के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिन पर मदद और जानकारी प्राप्त की जा सकती है
- धराली मार्केट पर अचानक आए सैलाब ने कुछ ही सेकेंड में पूरे बाजार को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे भारी तबाही हुई
Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में जल प्रलय के जो भी नजारे सामने आ रहे हैं, वो सभी के लिए काफी भयावह हैं. धराली इलाके में बादल फटने की घटना से कई लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है, फिलहाल प्रशासन की तरफ से 4 मौतों की पुष्टि की गई है. वहीं 50 से ज्यादा लोग इस हादसे में लापता बताए जा रहे हैं. सरकार की तरफ से हर संभव मदद की बात कही जा रही है और पीड़ित परिवारों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए गए हैं.
उत्तराखंड सरकार ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
जिन लोगों के अपने इस हादसे का शिकार हुए हैं या फिर जो लोग किसी भी तरह की मदद चाहते हैं, उनके लिए सरकार की तरफ से कुछ हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. जिला आपातकालीन केंद्र हरिद्वार से आप 01374-222722, 7310913129, 7500737269 नंबरों पर फोन करके मदद ले सकते हैं. इसके अलावा राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के हेल्पलाइन नंबर भी दिए गए हैं. 0135-2710334, 2710335, 8218867005, 9058441404 पर कॉल करके भी जानकारी और मदद मांगी जा सकती है.
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चंद सेकेंड्स में ढह गया पूरा मार्केट
उत्तरकाशी के धराली मार्केट की तरफ हजारों फीट की ऊंचाई से सैलाब आ रहा था, लेकिन वहां मौजूद लोग इससे बिल्कुल अनजान थे. कुछ ही सेकेंड में इस सैलाब ने पूरे बाजार को अपनी चपेट में ले लिया और लोगों को बचने का मौका तक नहीं मिला. इस खतरनाक जल प्रलय का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि लोग आखिरी वक्त में अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है. एक झटके में सड़कों पर भाग रहे लोग और होटल से लेकर घर तक सब ताश के पत्तों की तरह गिरने लगते हैं. ये खौफनाक वीडियो लोगों की रूह कंपाने वाला है.
रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ तेज
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सेना के कई जवानों को भेजा गया है, वहीं एनडीआरएफ, पुलिस और एसडीआरएफ की कई टीमें यहां पहुंच चुकी हैं. अब किसी भी हाल में जिंदा बचे लोगों को मलबे से बाहर निकालने की कोशिश हो रही है. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे जवानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती मलबा है, जो लगातार ठोस होता जा रहा है. यही वजह है कि जल्द से जल्द मलबा हटाने का काम किया जा रहा है. इसके लिए सेंसर्स का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे दबे हुए लोगों का पता लगाया जा सके. हर्षिल में सेना के एक कैंप पर भी बादल फटने का असर हुआ है, यहां कई जवानों के लापता होने की खबर है. फिलहाल सेना इन जवानों को तलाश कर रही है.
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