
- उत्तराखंड में मॉनसून के कारण भूस्खलन से कई रास्ते बंद हो गए हैं, जिससे यात्रा में गंभीर बाधाएं आई हैं
- गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे बंद होने के कारण स्थानीय लोग परेशान हैं
- यमुनोत्री मार्ग अवरुद्ध होने से गीठ पट्टी के ग्रामीणों को रसद सामग्री की आपूर्ति में समस्या हो रही है
उत्तराखंड में मॉनसून का मौसम आफत लेकर आया है, बारिश की वजह से जगह-जगह पर भूस्खलन हो रहे हैं. जिस वजह से कई रास्ते बंद हैं. भूस्खलन के डराने वाले कई वीडियो सामने आ रहे हैं. गंगोत्री, यमुनोत्री धाम की यात्रा इस समय गंभीर चुनौती बनी हुई है. लगातार बारिश और भूस्खलन की वजह से दोनों धामों को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे कई स्थानों पर बंद हो गए हैं, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. गंगोत्री हाईवे हेल्गु गाड और डबरानी के पास बाधित है. सीमा सड़क संगठन (BRO) की तरफ से रास्ते दुरुस्त करने का काम चल रहा है.
भूस्खलन से बाधित गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग, यात्रियों की बढ़ी मुश्किलें
— NDTV India (@ndtvindia) September 8, 2025
उत्तरकाशी में गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा पर चुनौती बढ़ी, क्योंकि दोनों धामों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन से बाधित हैं. #Uttarkashi | #video pic.twitter.com/Y1LpkE0qXU
आखिर कहां-कहां है रास्ते बंद
फिलहाल हर्षिल और धराली के बीच केवल 4X4 वाहनों की आवाजाही संभव हो पा रही है, जबकि धराली से गंगोत्री तक मार्ग खुला है. उत्तरकाशी से गंगोत्री तक कोई भी यात्री वाहन सीधे नहीं पहुंच सकता. यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर कल्याणी, सिलाई बैंड, जंगलचट्टी, बनास और नारदचट्टी के पास मार्ग अवरुद्ध है. सिलाई बैंड में पहाड़ी से लगातार गिर रहे बोल्डर प्रशासन और राहगीरों के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. एनएच विभाग द्वारा मार्ग को बहाल करने का कार्य जारी है.
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लोगों तक नहीं पहुंच रही जरूरी चीजें
यमुनोत्री मार्ग बाधित होने से गीठ पट्टी के ग्रामीणों को रसद सामग्री की भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जबकि हनुमान चट्टी से यमुनोत्री की ओर स्थित करीब आधा दर्जन गांवों में पिछले 15 दिनों से जरूरी चीजों की भी आपूर्ति पूरी तरह ठप है. वर्तमान में जनपद मुख्यालय सहित समस्त तहसील क्षेत्रों में हल्के बादल छाए हुए हैं, जिससे मौसम की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है. इस प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मार्ग की स्थिति की पुष्टि अवश्य करें.
राजस्थान ने बढ़ाया मदद का हाथ
राजस्थान सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए उत्तराखंड को 5 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे एक पत्र में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इस दुखद परिस्थिति पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “प्राकृतिक आपदा के इस कठिन समय में हम उत्तराखंड के लोगों की पीड़ा को अपनी ही पीड़ा मानते हैं.'
इस मानसून सीजन में उत्तराखंड को बादल फटने, बाढ़, मलबा आने तथा भूस्खलन जैसी अनेक प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिले आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष एक अप्रैल से अब तक प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं में 77 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है जबकि 94 अन्य लापता हैं. इन आपदाओं में 68 लोग घायल भी हुए हैं. इन आपदाओं में 229 मकान पूरी तरह से जबकि 1,828 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं.
(नितिन चौहान की रिपोर्ट)
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