धराली में लगातार राहत और बचाव कार्य जारी है, अभी तक कई लोगों के शवों को निकाला गया
- उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने के बाद ITBP और NDRF की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य कर रही हैं.
- लगातार बारिश और लैंडस्लाइड के कारण गंगोत्री हाईवे का एक बड़ा हिस्सा गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है.
- मलबा हटाने का कार्य ब्रिगेड रोड ऑर्गनाइजेशन और एनडीआरएफ की टीमों द्वारा तेजी से किया जा रहा है.
उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने की घटना के बाद राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है. अभी तक यहां ITBP और NDRF की कई टीमें यहां रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. उत्तरकाशी इलाके में बीते कुछ दिनों में हुई बारिश के कारण जगह-जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं भी हुई हैं. इन लैंडस्लाइड्स की वजह से कई जगह पर गंगोत्री हाईवे का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. हाईवे पर गिरे मलबे को हटाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है. बीआरओ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार रास्ता साफ करने और एक बार फिर से इस्तेमाल योग्य बनाने की हर संभव कोशिशों में जुटी है.

बुधवार सुबह से ही आईटीबीपी के जवान प्रभावित इलाकों में लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं.

लागातर बारिश की वजह से कई जगहों पर नेशनल हाईवे का एक बड़ा हिस्सा टूट गया है.

सड़क टूटने के कारण अधिकारियों को भी दूसरे इलाके तक पहुंचने के लिए पहाड़ी रास्तों का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं.

भूस्खलन के बाद जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें साफ तौर पर दिख रहा है कि किस तरह से धराली गांव पूरी तरह से मलबे में समा गई है.

बादल फटने के बाद सैलाब इतनी तेजी से आया था कि उसकी चपेट में जो भी आया वो तबाह हो गया. क्या सड़क और क्या ही ब्रिज.

बारिश और लैंडस्लाइड के कारण हाईवे का बड़ा हिस्सा भी टूट गया है. इससे दूसरे इलाकों से संपर्क टूट गया है.

आईटीबीपी की कई टीमें सड़क पर पड़े मलबे हटाने का काम कर रही है.

घरों में घुसा मलबा, धराली में तबाही का मंजर बेहद खौफनाक है.

धराली में ऐसी तबाही मची की वहां मौजूद एक पुराना मंदिर भी इसकी चेपट में आ गया. हालांकि, इस मंदिर को गांव के दूसरे घरों की तुलना में कम नुकसान हुआ है.

कई-कई मंजिल के घर भी मलबे में बदले. जो तस्वीरें धराली से सामने आई हैं उसमें कई मंजिला इमारत में भी मलबा घुस गया है.
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