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This Article is From Jan 05, 2025

कानपुर की मेयर और मुस्लिम धर्मगुरु क्यों आए सामने सामने?

यूपी के कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने कहा-''अब कानूनी कार्रवाई होगी और मंदिरों में जिन्होंने कब्जा किया है, उनको जेल भिजवाऊंगी.''

कानपुर की मेयर और मुस्लिम धर्मगुरु क्यों आए सामने सामने?
कानपुर की महापौर प्रमिला पांडेय ने शहर के उन मंदिरों का निरीक्षण किया जिन पर कब्जा कर लिया गया है.
कानपुर:

यूपी के कानपुर के मुस्लिम क्षेत्रों में बंद पड़े मंदिरों को खोलने का विवाद गहराने लगा है. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर मेयर पर शहर का सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया है. मेयर प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा लगाए गए सौहार्द बिगाड़ने के आरोप का खुलकर विरोध करते हुए कहा कि, ''अब कानूनी कार्रवाई होगी और मंदिरों में जिन्होंने कब्जा किया है, उनको जेल भिजवाऊंगी. मैं अपना लेटर मंडलायुक्त और पुलिस कमिश्नर को भेज रही हूं. अब वो बताएंगे कि कैसे मंदिर खाली होंगे. मंदिर हर हाल में ढूंढकर रहूंगी, जिसको जो करते बने वो कर ले.''

कानपुर शहर की मेयर प्रमिला पांडेय बंद पड़े मंदिरों को खुलवाने के लिए आजकल संघर्ष कर रही हैं. मेयर की इस कोशिश के ख़िलाफ़ मुस्लिम धर्मगुरु अब प्रशासन में शिकायत लेकर पहुंचे हैं. उलेमा अहले सुन्नत मशावर्ती बोर्ड में लिए गए फैसले के तहत एक ज्ञापन पुलिस कमिश्नर को सौंपा गया है. अपील की गई है कि बंद मंदिरों में हिंदू आबादी नहीं है, ऐसे में दूसरे एरिया से मूर्ति की पूजा करने के लिए लोग आएंगे, तो हो सकता है कि कोई पत्थर फेंक दे, इससे शहर का माहौल बिगड़ सकता है.

ज्ञापन में लिखा गया कि, ''मेयर साहिबा की नीयत पर कोई सवाल नहीं उठाया है. वो सभी धर्मों की मेयर हैं. 1991 एक्ट में ये बात क्लीयर है कि जो पहले की यथास्थिति है, वो कायम रहे. बाबरी मस्जिद फैसले में भी ये कहा गया कि जो पहले की स्थितियां हैं उनको बरकरार रखा जाए.''

प्रमिला पांडेय ने इस मामले पर कहा कि, ''मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जो ज्ञापन दिया है, मुझे उनसे कोई लेनादेना नहीं है. मैं जो भी काम करती हूं सोच-समझ कर करती हूं. पूजा अधिनियम के तहत आजादी से पहले जो मंदिर हैं, वो उन्हीं स्थिति में बने रहेंगे. अब मैं कानूनी कार्रवाई करूंगी.'' 

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उन्होंने कहा कि, ''नगर निगम में मौजूद पंचशाला से मैंने 125 मंदिर जो दर्ज हैं, उसको निकलवाया है. कोई भी ये एक्ट नहीं कहता कि किसी के धर्म के साथ खिलवाड़ करूं लेकिन कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं सौहार्द बिगाड़ना चाहती हूं. उनसे मैं कहना चाहती हूं कि मेरे किसी भगवान हाथ काट दिया, किसी का गला काट दिया. शिव का अर्घा तक हटा दिया. ये किसी कानून के तहत है. अब जिन लोगों ने मेरे मंदिरों को तोड़ा है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगी और जेल भी भिजवाऊंगी.'' 

उन्होंने कहा कि, ''हाल ही में लुधौरा में जो मंदिर खुलवाया, उसमें मूर्तियों को किस तरह से खंडित किया गया है, ये सभी ने देखा है. किसी मस्जिद में कोई हिंदू किरायेदार है. हमारे मंदिरों में मूर्ति तोड़ने का काम किसने किया. हमारी मूर्ति बनी रहतीं, वो भी बने रहते, मूर्ति तोड़ने का काम किसने किया. शिवाला में 7 मुस्लिम रहते हैं. मैं अब मुकदमा कायम कराऊंगी. मैंने जो मंदिर ढूंढा है, वहां कभी अष्टधातु की मूर्तियां थीं, उनकी करोड़ों में कीमत थी. मैं तो बस इतना चाहती हूं कि 125 मंदिर ढूंढकर उनकी साफ-सफाई कराकर चाबी प्रशासन को सौंप दूं.''

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