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This Article is From Feb 23, 2021

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में बीजेपी नेताओं का विरोध क्यों? जानें पूरा मामला

पश्चिमी यूपी के तमाम गांवों में कृषि बिल से नाराज किसान बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं. कुछ ने ऐलान किया है कि हलफनामा देकर कृषि बिला का विरोध करने के बाद ही नेता वहां आएं.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में बीजेपी नेताओं का विरोध क्यों? जानें पूरा मामला
केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान - फाइल फोटो
मुजफ्फरनगर:

पश्चिमी यूपी के तमाम गांवों में कृषि बिल से नाराज किसान बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं. कुछ ने ऐलान किया है कि हलफनामा देकर कृषि बिला का विरोध करने के बाद ही नेता वहां आएं. सोमवार को मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में मंत्री संजीव बलियान के लोगों ने उनपर लाठी-डंडों से हमला किया. बलियान का कहना है कि आरएलडी के नेताओं ने वहां नारेबाजी की, जिन्हे गांव वालों ने पीट कर भगा दिया. 

मुजफ्फर नगर के सोरम गांव में आज किसानों से मिलने आरएलडी अध्यक्ष अजीत सिंह पहुंचे, तो उनके साथ नाराज किसानों का एक हुजून उमड़ा. कल यहां मंत्री संजीव बलियान के आने पर नारेबाजी कर रहे किसान पीटे गए थे. यहां हुए पंचायत में अजीत सिंह ने बलियान के खिलाफ एफआईआर करने की मांग की.

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आरएलडी के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने कहा, ''आखिर जब कोई आएगा मंत्री तो क्या किसान उससे नहीं पूछेंगे कि हमारे गन्ने का दाम कब मिलेगा? उसपर उनके नाराज होने की क्या जरूरत है? और अगर वो जवाब नहीं देंगे. भैया राजनीति में गलत काम करोगे तो जिंदाबाद-मुर्दाबाद सब करेंगे. नारे लगेंगे. इसका मतलब ये थोड़ी है कि आप उनकी पिटाई करोगे? आप सुनिए. ये जवाब दे दीजिए. संतुष्ट कीजिए लोगों को, बात कीजिए लोगों से.''

सोरम गांव के किसान बिट्टू का आरोप है कि मंत्री के समर्थक अपने साथ लाठी-डंडे लाए थे, जिन्होंने किसानों पर हमला किया. किसान बिट्टू ने कहा, ''जीप में गिराकर विवेक को ले गए, योगेश को... उससे कहने लगे पिस्तौल मारो.. को गोली.'' बिट्टू ने कहा, ''मेरी घरवाली को तीन बार धक्के दिए इन्होंने. वह धक्के से नीचे गिर गई. हम उधर से आए. इतने में मकान से निकलकर भाग गए. सिर फाड़ रखा है एक का.''

संजीव बलियान मुजफ्फरनगर से ही सांसद हैं. उनका कहना है कि वो किसी की रस्म पगड़ी में गए थे. वहां आरएलडी के लोगों ने नारेबाजी की, जिनको गांव वालों ने पीटकर भगा दिया.

केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान ने कहा, ''आइडेंटीफाईड राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता थे.'' उनसे पूछा गया कि आपके लोग भी घायल हुए हैं उसमें तो उन्होंने कहा, ''देखिए मैं उसके बाद वहां से चला आया था. मुझे दूसरे गांव में जाना पड़ा था. ये जरूर है कि बाहर आया भगदड़ मचीं, जब हम आए तो मारपिटाई होके उनको गांव वालों ने भगाया वहां से.''

शामली के भैंसवाल गांव में भी संजीव बलियान के पहुंचने पर किसानों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की. सरकार ने उन्हें किसानों को मनाने का काम दिया है. सत्ता समर्थित लोगों के किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी कहने से वह नारा हैं.''

किसान यूनियन के अध्यक्ष सवित मलिक ने कहा, ''जब तक तीन काले कानून वापस नहीं होंगे, एमएसपी की गारंटी नहीं मिलेगी. हमारे गन्ने का भाव नहीं मिलेगा, समय पर भुगतान नहीं होगा. किसानों के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज किया गया है वो वापस नहीं होंने तब तक इन लोगों का गांव में घुसना कठिन होगा.''

संजीव बलियान शामली में जब लिसद गांव में गठवाला खाप के चौधरी बाबा हरिकिशन से मिलने गए तो वहां भी उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. चौधरी बाबा हरिकिशन ने कहा, ''तुम नहीं... तुम नहीं... तुम हो गुलाम. तुम अपनी एकता क्यों नहीं करते. ये तो घुटने रगड़ेंगे. अपने जोगा कमाओ और खाओ. सरकार तुम्हारा क्या करेगी? कुछ नहीं कर सकती? कुछ नहीं करो.. एकता बनाओ और कहीं ना जाओ.''

शामली के कसेरवा गांव में भी काफी किसान बीजेपी से नाराज हैं. यहां वे बीजेपी विरोधी नारे लिखे बैनर लेकर जुलूस निकाल चुके हैं. इस गांव में उन्होंने बीजेपी नेताओं के खिलाफ जगह-जगह पोस्टर भी लगा दिए हैं.

केसरवांकलां गांव के राजेंद्र जायसवाल ने कहा, ''सीधी सी बात है कि हम अपने गांव केसरवां में बीजेपी के किसी भी नेता का आने पर विरोधकरेंगे. स्पष्ट बात है विरोध होगा. हमारे साथ जो नेता होगा वो ठीक है. जो किसानों का साथ देगा वह ठीक है. जो साथ नहीं देगा, हम उसका साथ नहीं देंगे.''

मुरादाबाद के भिलारी में 17 फरवरी को एक विशाल किसान पंचायत हुई. पंचायत में नाराज किसानों ने ऐलान किया कि जल्द ही होने वाले पंचायत चुनाव में सिर्फ वही नेता गांव में आ सकेंगे जो किसान आंदोलन के साथ हैं.

भारतीय किसान यूनियन (असली) के अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह ने कहा, ''हम कह रहे हैं कि जो भी कैंडिडेट हो किसी भी पार्टी का हो, लिखकर देगा कि मैं इस आंदोलन का समर्थन करता हूं और मैं इन बिलों का विरोध करता हूं. और अगर लिखकर नहीं देगा, उसकी एंट्री वहां बंद करेंगे. हम आह्वान कर रहे हैं लोगों का कि उसकी एंट्री बंद करो.''

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