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This Article is From Mar 14, 2022

''बहुमत नहीं मिलता यदि....'' : यूपी में BJP की जोरदार जीत पर बोले केंद्रीय मंत्री अ‍जय मिश्रा टेनी

न्‍यूज एजेंसी ANI ने केंद्रीय मंत्री के हवाले से कहा, 'यदि कानून व्‍यवस्‍था (यूपी में ) की स्थिति अच्‍छी नहीं होती तो हमें बहुमत नहीं मिलता.'

''बहुमत नहीं मिलता यदि....'' : यूपी में BJP की जोरदार जीत पर बोले केंद्रीय मंत्री अ‍जय मिश्रा टेनी
अजय मिश्रा ने कहा, 'मैं शुरू से कह रहा था कि यूपी में हम फिर बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे
लखनऊ:

केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ( Ajay Mishra) ने कहा है कि उत्‍तर प्रदेश में बीजेपी की धमाकेदार जीत इस बात का संकेत है कि राज्‍य में कानून व्‍यवस्‍था की स्थिति अच्‍छी है. गौरतलब है कि अजय मिश्रा का बेटा आशीष लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) के बहुचर्चित किसान हत्‍या मामले में आरोपी है. आशीष मिश्रा पर पिछले वर्ष अक्‍टूबर माह में प्रदर्शन कर रहे किसानों के ग्रुप को SUV से कुचलने का आरोप है. यूपी में हाल ही में संपन्‍न हुए विधानसभा चुनावों के दौरान लखीमपुर खीरी मामला चर्चा का विषय रहा था. हालांकि बीजेपी राज्‍य में लगातार दूसरी बार अपने पक्ष में जनादेश हासिल करने में सफल रही. यही नहीं, पार्टी ने लखीमपुर की सभी आठों विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की. 

आशीष मिश्रा को चुनौती देने वाली याचिका पर होने वाली सुनवाई के एक दिन पहले, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने कहा, 'मैं शुरू से ही कह रहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व में केंद्र और राज्‍य सरकार जिस तरह से काम कर रही है, हम फिर बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे. ' न्‍यूज एजेंसी ANI ने केंद्रीय मंत्री के हवाले से कहा, 'यदि कानून व्‍यवस्‍था (यूपी में ) की स्थिति अच्‍छी नहीं होती तो हमें बहुमत नहीं मिलता.'

गौरतलब है कि किसानों को अपनी जीप से कुचलने के आरोपी आशीष मिश्रा को पिछले माह विधानसभा चुनाव प्रारंभ होने के दौरान ही इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई थी. इस फैसले को लेकर किसानों के बीचनाराजगी और निराशा थी जिनको साथियों को इस घटना में जान गंवानी पड़ी थी. इस घटना के बाद हुई हिंसा में तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं और एक पत्रकार की भी जान गई थी. मामले को लेकर यूपी की योगी आदित्‍यनाथ सरकार पर निशाना साधा गया था. यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी आशीष मिश्रा के पिता के सरकार में 'ओहदे' के कारण केस को कमजोर किया गया. संयुक्‍त किसान मोर्चा की तरफ से जारी बयान में कहा गया था  कि चार किसानों और एक पत्रकार को दिनदहाड़े रौंदने का यह नृशंस मामला पूरे देश में कानून के राज की एक कसौटी बन गया था. स्पष्ट प्रमाण के बावजूद हत्या के आरोपी को इतनी जल्दी जमानत मिलना और वह भी यूपी चुनाव के पहले दिन होना, आश्चर्य का विषय है.मोर्चे ने कहा था कि इस हत्याकांड के बाद से पुलिस और प्रशासन लगातार अजय मिश्र टेनी और उनके बेटे को बचाने में जुटा रहा. मामले की जांच करने और अभियुक्तों को पकड़ने में यूपी पुलिस शुरू से ही कोताही बरती आई और मामले को कमजोर करने की कोशिश की गई. 

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