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यूपी को स्वास्थ्य क्षेत्र में नंबर-1 बनाने का लक्ष्य, डिप्टी सीएम ने विजन डॉक्युमेंट में बताया कैसे संभव होगा

यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने विधानसभा में एक महत्वाकांक्षी हेल्थ विजन डॉक्यूमेंट पेश किया, जिसमें साल 2027, 2030 और 2047 के लिए सरकार की योजनाओं और लक्ष्यों को विस्तार से बताया गया है.

यूपी को स्वास्थ्य क्षेत्र में नंबर-1 बनाने का लक्ष्य, डिप्टी सीएम ने विजन डॉक्युमेंट में बताया कैसे संभव होगा
  • यूपी सरकार ने 2027, 2030, 2047 तक स्वास्थ्य क्षेत्र में विस्तृत योजनाओं के साथ हेल्थ विजन डॉक्यूमेंट पेश किया.
  • डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है.
  • ब्रजेश पाठक ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में ही नहीं, हम हर क्षेत्र में यूपी को नंबर वन बनाएंगे.
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उत्तर प्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश का नंबर वन राज्य बनाने के लक्ष्य के साथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने विधानसभा में एक महत्वाकांक्षी हेल्थ विजन डॉक्यूमेंट पेश किया. इस डॉक्यूमेंट में साल 2027, 2030 और 2047 तक के लिए सरकार की योजनाओं और लक्ष्यों को विस्तार से बताया गया है. पाठक ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हर नागरिक को बिना किसी आर्थिक परेशानी के गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है.

उन्होंने कहा कि यह विजन डॉक्यूमेंट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत 2047' के स्वप्न का हिस्सा है. यह स्वप्न केवल इमारतों और सड़कों का जाल फैलाना नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की सेहत, गरिमा और उन्हें उचित अवसर प्रदान कराने का भी है. प्रधानमंत्री मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र को लेकर विकास पथ पर आगे बढ़ रहे हैं. 

यूपी को बनाएंगे नंबर वन राज्य

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग का विजन डॉक्यूमेंट साझा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में ही नहीं, हम हर क्षेत्र में यूपी को नंबर वन बनाएंगे. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रति परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपए तक का कवर दिया जा रहा है. उत्तर प्रदेश ने इस योजना में अग्रणी कार्य किया है. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अधोसंरचना मिशन, ई-संजीवनी में भी उत्तर प्रदेश बहुत अच्छा कार्य कर रहा है. 

उन्होंने बताया कि 7 दिसंबर 2021 को गोरखपुर एम्स का प्रधानमंत्री ने लोकार्पण किया था. पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए यह शीर्ष चिकित्सा शिक्षा केंद्र बन गया है. जापानी इंसेफेलाइटिस के नियंत्रण, टीकाकरण, निगरानी, परिवार नियोजन, मातृ व शिशु स्वास्थ्य कल्याण के क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं में भी काफी इजाफा हुआ है. 

डिजिटलीकरण को मिलेगा बढ़ावा

2027 तक के लक्ष्यों की जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि हर परिवार तक उपचार सुरक्षा, पीएम जेएवाई में शत प्रतिशत पात्र परिवारों की ई-केवाईसी, गोल्ड कार्ड वितरण, क्लेम टू केयर, राज्य स्तर पर फ्रॉड रिस्क मॉनेटरिंग और हेल्पलाइन का एकीकरण किया जाएगा. हेल्थ के क्षेत्र में डिजिटलीकरण को बढ़ावा, सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में बायोमेडिकल लैब नेटवर्क, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं का भी सुदृढ़ीकरण किया जाएगा. टेली हेल्थ का गहन उपयोग, मेडिकल एजुकेशन का भी विस्तार किया जाएगा. इसके लिए व्यापक स्तर पर कार्य चल रहा है. 

वन अर्थ-वन हेल्थ का विजन

वर्ष 2030 के लक्ष्यों की जानकारी देते हुए ब्रजेश पाठक ने कहा कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में तेजी से गिरावट, रोग नियंत्रण, मेडिकल एजुकेशन की गुणवत्ता पर और अधिक ध्यान दिया जाएगा. 2047 के संकल्प पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम ऐसा राज्य देखना चाहते हैं, जो डिजिटल पब्लिक गुड्स आधारित राज्य हो, प्रधानमंत्री मोदी के वन अर्थ वन हेल्थ विजन के अनुरूप मेडिकल टूरिज्म, फार्मा उत्पादन, बायोटेक इनोवेशन में यूपी की सक्रिय भूमिका रहेगी. जनभागीदारी और सुशासन पर जोर रहेगा. उन्होंने सदन के अपेक्षित सहयोग को लेकर भी चर्चा की. 

मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी

डिप्टी सीएम ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई हैं. प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2017 के 44 से बढ़कर 80 हो गई है. इनमें 44 सरकारी क्षेत्र में हैं. प्रदेश में दो एम्स और लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है. इस समय सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या 5250 हो चुकी है. पीपीपी के तहत भी 350 सीटें उपलब्ध हैं. 31 नर्सिंग कॉलेजों का निर्माण शुरू हो गया है. प्रति लाख जनसंख्या पर बेड की संख्या 18.25 से बढ़कर 33.69 हो गई है. हेल्थ वर्कर प्रति दस हजार पर 13.23 से बढ़कर 35.71 हो गए हैं. 

5.34 करोड़ नए आयुष्मान कार्ड बने

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 5.34 करोड़ लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं. 70.36 लाख का निशुल्क उपचार हुआ है. इलाज पर 11,123 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना, संचारी रोगों के खिलाफ विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि गांवों से लेकर शहरों तक प्रदेश में व्यापक स्तर पर विकास कार्य हो रहे हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी जबरदस्त परिवर्तन आया है.

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