- उत्तर प्रदेश में वोटर सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में 2.91 करोड़ मतदाताओं का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है
- SIR के तहत अब तक 99.24% जनगणना प्रपत्र डिजिटलीकृत हो चुके हैं, जिनमें से 18.85 प्रतिशत प्रविष्टियां अपुष्ट हैं
- गायब वोटर्स में स्थायी रूप से स्थानांतरित, मृत, डुप्लिकेट और अनुपस्थित वोटर शामिल, जिनकी संख्या करोड़ों में है
उत्तर प्रदेश में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का काम लगभग पूरा हो गया है. SIR के दौरान लगभग 2.91 करोड़ वोटर्स का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है. राज्य चुनाव आयोग अब इन गायब हुए 2.91 करोड़ वोटर्स को तलाशने में जुट गया है. यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा ने चुनाव आयोग से कुछ दिन का समय मांगा है, जिसमें वह इन गायब हुए करोड़ों वोटर्स को तलाश सकें. चुनाव आयोग की एसआईआर को लेकर एक अहम बैठक होने जा रही है. इससे पहले बिहार में हुई एसआईआर के दौरान लगभग 65 लाख वोटर्स नदारद मिले थे, जिस पर काफी हंगामा हुआ था और विपक्ष ने चुनाव के दौरान इसे एक राजनीतिक मुद्दा बना दिया था. ऐसे में यूपी सरकार हर कदम बहुत फूंक-फूंककर रख रही है.
Lucknow, Uttar Pradesh: On SIR, Navdeep Rinwa, Chief Electoral Officer (UP), says, "By afternoon, 99.10% of the work in Uttar Pradesh has been completed, and we will achieve 100% by tomorrow..." pic.twitter.com/yFP4bb0rY8
— IANS (@ians_india) December 10, 2025
2.91 करोड़ वोटर्स गायब
यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा ने बताया कि राज्य में एसआईआर का काम लगभग पूरा हो गया है. इस दौरान अब तक 99.24 प्रतिशत जनगणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण हो चुका है. इनमें से 18.85 प्रतिशत, लगभग 2.91 करोड़ प्रविष्टियां 'अपुष्ट' श्रेणी के अंतर्गत आती हैं, जिनमें 1.27 करोड़ मतदाता शामिल हैं जो स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं, लगभग 45.95 लाख मतदाता, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, 23.69 लाख डुप्लिकेट मतदाता हैं. 9.58 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिन्होंने अपने फॉर्म वापस नहीं किए हैं और 84.73 लाख अनुपस्थित मतदाता शामिल हैं. लेकिन यूपी सरकार ने वोटर लिस्ट को क्रॉस चेक करने के लिए कुछ और समय मांगा है. चुनाव आयोग इस पर आज कोई फैसला ले सकता है. SIR पर चुनाव आयोग की आज अहम बैठक होने जा रही है.

कैसे होगी गायब वोटर्स की तलाश?
यूपी में गायब हुए 2.91 करोड़ वोटर्स को अब कैसे तलाश जाएगा? नवदीप रिनवा बताते हैं कि हम नहीं चाहते कि किसी भी व्यक्ति का नाम वोटर्स लिस्ट से छूट जाए. इसलिए हमने चुनाव आयोग से कुछ दिनों का समय मांगा है, ताकि हम एसआईआर की लिस्ट को फिर से जांच सकें. नई वोटर लिस्ट अलग-अलग पार्टियों के बूथ लेवल अधिकारियों को भी दिखाई जाएगी, ताकि वह भी देख सकें कि किसी ऐसे व्यक्ति का नाम तो नहीं कट गया है, जो क्षेत्र में मौजूद है या गलती से तो उसका नाम बाहर नहीं रह गया है. हम अपने बीएलओ अधिकारियों से भी बूथ लेवल अधिकारियों की बैठक कराएंगे.
वेबसाइट पर कब अपलोड होगी वोटर लिस्ट?
नवदीप रिनवा ने बताया कि 14 जिलों, 132 विधानसभा क्षेत्रों और 1,43,509 मतदान केंद्रों में डिजिटलीकरण का काम पूरा हो चुका है. जिन वोटर्स के नाम 2025 की मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें फॉर्म-6 भरने में सहायता की जानी चाहिए, जबकि एक जनवरी 2026 को 18 वर्ष के होने वाले युवाओं को भी पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. सीईओ ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से मृत, प्रवासी, अनुपस्थित और डुप्लिकेट मतदाताओं की प्रविष्टियों के सत्यापन में सहयोग करने का आग्रह किया. बूथ स्तर के अधिकारी 12 दिसंबर तक सत्यापित मतदाताओं की सूची बूथ स्तर के एजेंट को उपलब्ध कराएंगे, ताकि वे इसे सीईओ और जिला वेबसाइटों पर अपलोड कर सकें. यूपी में 4 नवंबर से SIR की प्रक्रिया जारी है.
ये भी पढ़ें :-क्या यूपी समेत अन्य राज्यों में बढ़ेगी SIR की तारीख? चुनाव आयोग गुरुवार को लेगा फैसला
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची को अधिक सटीक और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से एसआईआर 28 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलाया जाएगा. उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस प्रक्रिया में शामिल हैं. एसआईआर मतदाता सूची को शुद्ध और सटीक बनाने और साथ ही संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत मतदाता अधिकारों के सही से इस्तेमाल के लिए कराया जा रहा है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं