उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने गुरुवार को 7 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया. जिन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है उनमें कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, करहल, फूलपुर, कटेहरि और मझवां सीट शामिल हैं. बीजेपी ने कुंदरकी सीट से रामवीर सिंह ठाकुर को, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, खैर से सुरेंद्र दिलेर, करहल से अनुजेश यादव, फूलपुर से दीपक पटेल, कटेहरी से धर्मराज निषाद और मझवां से सुचिस्मिता मौर्य को मैदान में उतारा है. आइए जानते हैं इन सीटों पर क्या है समीकरण?
कुंदरकी से कर्मवीर सिंह ठाकुर को मिला टिकट
कुंदरकी सीट पर बीजेपी ने कर्मवीर सिंह ठाकुर पर दांव लगाया है. कुंदरकी विधानसभा सीट की बात करें तो यह मुस्लिम बहुल सीट मानी जाती है. सीट पर 62 पर्सेंट मुस्लिम वोटर हैं. हिंदू वोटों की बात करें तो ठाकुर मतदाता ठीक ठाक हैं. ऐसे में बीजेपी ने एक ठाकुर प्रत्याशी को उतारा है.
गाजियाबाद से संजीव शर्मा को टिकट
बीजेपी के लिए यहां सवाल था कि सीट ब्राह्मण को दें या फिर वैश्य समाज से किसी को उम्मीदवार बनाया जाए. गाजियाबाद बीजेपी का गढ़ है. अतुल गर्ग सांसद हैं. ऐसे में बीजेपी ने संजीव शर्मा पर दांव लगाया है.
ख़ैर सीट से सुरेंद्र दिलेर चुनावी मैदान में
खैर से बीजेपी ने सुरेंद्र दिलेर पर दांव खेला है. बीजेपी के लिहाज से यह सुरक्षित सीट मानी जाती है.
करहल से अनुजेश यादव पर बीजेपी ने खेला दाव
करहल से बीजेपी ने अनुजेश यादव को उम्मीदवार बनाया है. अखिलेश यादव की इस सीट पर बीजेपी के लिए मुकाबला मुश्किल माना जा रहा है. ऐसे में बीजेपी ने अनुजेश यादव पर दांव लगाया है. यादव वोटों में सेंध लगाने की रणनीति बीजेपी की है.
फूलपुर से दीपक पटेल मैदान में
दीपक पटेल पूर्व सांसद केसरी देव पटेल के बेटे हैं. वे बीएसपी विधायक रहे हैं. पटेल बहुल सीट इसे माना जाता है. सपा ने मुस्लिम को टिकट दिया है. पटेल वोट को एकजुट करने की कोशिश बीजेपी की है. फूलपुर का हिस्सा शहरी क्षेत्र में आता है.
कटेहरी से धर्मराज निषाद पर बीजेपी ने जताया भरोसा
कटेहरी सीट पर बीजेपी की तरफ से जातिगत समीकरण साधने की कोशिश थी. टिकट ब्राह्मण को दिया जाए या किसी पिछड़ी जाति से उम्मीदवार बनाया जाए. साथ ही कोशिश यह भी थी कि मामला अगड़ा और पिछड़ा न हो जाए. इसलिए धर्मराज निषाद पर बीजेपी की तरफ से भरोसा जताया गया है. पिछले चुनाव में निषाद पार्टी के खाते में यह सीट थी उसके उम्मीदवार को 30 हजार वोट मिले थे.
मझवां सुचिस्मिता मौर्य
यहां भी फॉरवर्ड बनाम बैकवर्ड का मामला था. मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल से भी संपर्क किया गया था. सुचिस्मिता के नाम पर सहमति बनी. बीजेपी की टिकट पर ये पहले भी विधायक रह चुकी हैं.
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